लेखक संघ के प्रचारक रहे है, उन्होंने अपनी इस छोटी सी पुस्तक में भारत के संतों के आविष्कार, भारत के दर्शन, भारत की अतीत में विश्व गुरु की भूमिका को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया। भारत पर हुए आक्रमण व आक्रमण के बाद जनता के दृष्टिकोण की भी विस्तृत व्याख्या […]

गालिब ने कहा था, “खेल बच्चों का हुआ, दीन ए दीना न हुआ, वह आंख क्‍या जो कतरे में समन्दर को न देख ले। ” कतरे में समन्दर को देखने वाली आँख कविता की आँख होती है। ‘सावन’ के पास वह आँख है, जिससे उन्होंने लहरों, जलचरों और तूफानों को […]

लेखक खान मनजीत भावड़िया मजीद खान मनजीत भावड़िया मजीद कि तीसरी किताब “बिराण माट्टी” नाटक संग्रह के रूप में आया है बहुत ही अच्छा प्रयास किया इसमें नाटक है जो समाज में फैली हुई कुरितियां को दर्शाने का प्रयास किया है इसमें लोक-परंपराओं, लोक-विश्वासों तथा लोक-भावनाओं के जितने विविध रूप […]

पुस्तक चर्चा राकेश शंकर भारती लेखन की दुनिया में वो प्रतिष्ठित नाम है जो किसी परिचय का मुहताज नहीं है । इनका एक उपन्यास 3020 ई0 अभी हाल ही में आया है, जिसने साहित्य की दुनिया में तहलका मचा कर रख दिया है। यह उपन्यास मुझे जयपुर के कार्यक्रम में […]

काव्य वही जो दिशा दिखाए, सरल भाव औ शब्दों से, महक उठे और महकाये जो कण-कण को स्पर्शों से, पहुंचे जन-जन के हृदय तक, नित्य जलाए नवीन चिराग युवा-बच्चे-वृद्ध सबों को, रंग दिखाएं जीवन के… भावनाएं शब्दों के बंधन में बंधी नहीं होती – शब्दों के जाल से नहीं, हृदय […]

पुस्तक समीक्षा वीर एकलव्य सेवा समिति आगरा के सौजन्य से प्रकाशित स्मारिका युवा धड़कन 2020 पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस स्मारिका के मुख्य संपादक हैं चर्चित साहित्यकार मुकेश कुमार ॠषि वर्मा जी और संपादक हैं अवधेश कुमार निषाद जी।सह संपादक हैं उमेश पाल जी।यह स्मारिका इसलिए भी खास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।