इनसान संजोता रहता है संकुचित दृष्टिकोण से नित नए सपने प्रदूषित मानसिकता से उपजे सपने स्वार्थी मन में भावनाओं का ज्वार घटता-बढ़ता रहता है व्याप्त है अशांति ही अशांति और जीवन भटक रहा है मृग तृष्णा की तरह। #यशपाल निर्मल परिचय:श्री यशपाल का साहित्यिक उपनाम- यशपाल निर्मल है। आपकी जन्मतिथि-१५ अप्रैल […]

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वो जब सीमा पर होता है*** तो जननी के दूध की    हर एक बूंद   उसे फर्ज और कर्ज की याद दिलाती है वो जब घिर जाता है    दुश्मन टोली से   माँ का भीगा आँचल  फौलाद की ढाल बन बचाता है वो जब सीमा पर होता है*** […]

वो कहते हैं, भागवान मंदिरों में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, अल्लाह मस्जिदों में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, गॉड चर्च में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, वाहेगुरु गुरद्वारों में रहता है। मैं नहीं मानता।। मैं कहता हूं मेरा, भगवान अल्लाह […]

.                   *1*  हाँसी,खाँसी खो दिया,कितरा ही परिवार। साँसी  बात  शराब  री, डूब गया घर बार। डूब   गया  घर  बार, गरीबी घर  मैं  छाई। दारू  को  है शौक, मिलै नहि  घर में पाई। कहे लाल कविराय, यही  कंठा  री फाँसी। कर शराब को त्याग,करै ली दुनिया हाँसी। .                  *2*  दारू  दुख दारिद्रता,  दुश्मन  […]

शिशु के जन्म के बाद जीवन रक्षण हेतु जननी के दूध की बूँद अमृत है। बालक की बढती कोंपल सी कितनी कोमल है छोटी ,परवश देह माँ का मृदु प्यार भरा स्पर्श अमृत है। मात- तात परिजन समाज साथ सीखता, चलना ,बोलना पनपते पौधे को ज्यों हवा, पानी, धूप, खाद […]

कुछ अपनी निशानियाँ भी लिख दो कोरे पृष्ठों में कुछ चित्रकारी कर दो, सुख-दुख के क्षणों को इनमें लपेट दो इन किताबों में तितलियाँ समेट दो ।। लोग थक हार कर लौट आएंगे जब रास्ते में  बिछी कहानियां पाएंगे तब भूली बिसरी यादों को शुष्क हाथों से सहला नम हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।