अपराधी थानेदार बने हुये है बेईमान पत्रकार बने हुये है। गुंडे बदमाश भी इन दिनों मे देश की सरकार बने हुये है। नशे मे धुत रहते है शिक्षक स्कुल बीयरबार बने हुये है। महिनो गायब रहते डाक्टर अस्पताल बेकार बने हुये है। कविता का कारोबार हो रहा कवियों के दरबार […]

भीड मे अब इंसान नही मिलता लोगो मे स्वाभिमान नही मिलता. मायूस लौटती है सदाये वहां से भी मंदीरो मे भगवान नही मिलता. कई परिंदे आज भी यहां ऐसे है जिन्हे उडने आसमान नही मिलता. साहबजादो के चार-छः बंगले है मजदुरो को रहने मकान नही मिलता. सरकारे बदली है पर […]

जब भी मौसम सुहाने आते है तुम याद आते हो जब कोई मंजर लुभाने आते है तुम याद आते हो। ऐसे तो याद नही आते हो तुम कभी लेकिन जब-जब पल मस्ताने आते है तुम याद आते हो। आज भी याद है वो तुम्हारा हंसता हुवा चेहरा जब ग़म दिल […]

जाने क्या कमी हो गई है संस्कार मे कि ईमान बीकने लगे हैं बाजार में। हर तरफ झुठ के तलबगार मिलेंगे सच्चाई का दुश्वार है जीना संसार में। पढ़ें लिखे लोग क्रिकेट में मशगूल है चोर बदमाश आ गये है सरकार में। अफसरशाही हावी है जनता पर योजनाएं निपट रही […]

लाख ग़म है फिर भी मुस्कुराकर जीता है कोई दिवाना हंसकर जख्मो को सीता है। आईने में देखा है ईश्क में टुटा हुवा बशर  किस तरह ज़िंदगी वो मर-मरकर जीता है। न जाने क्यु दुश्मन है जमाना मोहब्बत का मोहब्बत का तो पैगाम देते कुरान- गीता है। लाख नफरतें है […]

जुदाई का गम, पलकों पे मोती बहुत है ये मोहब्बत, तु तक्लीफ देती बहुत है। सोचा था कुछ दिन में सब भूल जायेगी पर वो मुझे  याद  कर रोती बहुत है। ____________ जब तक नशा था शराब मे वो सुला रही थी, निंद खुलते ही देखा उसकी याद रूला रही […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।