नहीं फूटता गुस्सा, नहीं उबलता लावा भावना उड़ गई है, सिगरेट के धुएं में भूख,डकैती,हत्या की घटनाएं, बेईमानी के कालम दुष्कर्म के स्तंभ पढ़कर-देखकर भी, दिल के किसी कोने का स्थाई भाव जागृत नहीं होता। सीमा पर लड़ते जवान, कर्ज तले दबे किसान और नक्सली हमले, रोज भावुक कर देते […]

हमारा दिसम्बर,तुम्हारा दिसम्बर, गुजर गया अब ये प्यारा दिसम्बर। भूल करके भी हमसे खता हुई हो, भूल जाना तुम हमारा सारा दिसम्बर। आकर तो देखो क्या हाल है मेरा, कैसे गुजारा तुम बिन सारा दिसम्बर। करते हैं फिर से शुरुआत नई हम, इसलिए अलविदा हमने कहा दिसम्बर। जब कभी हमें […]

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खिजा के फूल से झर रहे हैं पल। जिन्दगी की डाल से, खुद से हैं सवाल से…? रास्ते भटक गए हैं… मोड़ पर अटक गए हैं। शाम-सी तमाम है, जिन्दगी की चाल भी। रुके-रुके कदम कहीं, झुका-सा आसमान भी। अंधकार छा गया…, रजनी बन आ गया…। जुगनू चमक उठे, तारे […]

उठना-चलना और बोलना जिसने मुझे सिखा डाला, नौ महीने तक छुपा पेट में जिसने भार उठा डालाl  जिसने जन्म दिया है व पाल-पोसकर बड़ा किया है, जिसने मुझे सिखाया जीना,वही मातु है मेरी शालाll    जिसकी उँगली पकड़ चला मैं शिक्षा वाली शाला में, जिसके बल पर अकड़ चला मैं,दुनिया […]

    मेरे शब्दों में ऐसी शक्ति दे माँ,     मनभावन मधु्पूरित हो जो।     क्षमता हो जिसमें नवचेतना की,     संसार को नवपथ दे सके।     जीवन को दे सच्ची दिशा,     भ्रमितों को उनकी राह दे।     माँ शारदे,कर दे कृपा!   […]

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  क्यों  कलम चलाऊँ अपनी मैं इन राजनीति दरबारों पर, क्यों विवश करुं लेखनी अपनी लिखने को गद्दारों पर। इन्हीं सियासत की गलियों में रोज तमाशा होता है, बुझ जाता है दीपक वो जो बस आशा का होता है॥ चंद सियासी कुनबे मेरा देश लूटकर बैठे हैं, माथे पर इक […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।