रिश्ते नाते  रीत  प्रीत के, खून का रिश्ता फीका हैं।   आभासी  रिश्ते चलते हैं, दूर का  रिश्ता  नीका है। दूध का रिश्ता दूर हो रहा, शीश पटल मोहताज हुए।   पास पड़ोसी अनजाने से, अनजाने  जन खास हुए। भाई – भाई  हुए  अजनबी, बहने बन गई  परायी अब।   […]

          प्रिय बहिन,शुभाशीष। तुम्हारे पत्र से समाचार जान कर प्रसन्न भी हूँ और अचम्भित भी। तुम निज परिवार व परिजनों के साथ समायोजित और प्रसन्न हो,और होना भी तो चाहिए। अचम्भित इसलिए हूँ कि इधर मेरे/हमारे परिवार ,परिजन, माता पिता बच्चा,बिटिया सभी का खयाल और चिंता […]

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.         *कुण्डलिया छंद*  .                  *1*  हरियाली  हर  हार में, पावस  की  मनुहार। प्रिये मिलन उपहार है,  झूलन  का त्यौहार। झूलन  का त्यौहार, सखी सब  संगत झूले। पिय हिय की बतराय,मोद मन ही मन फूले। कहे लाल कविराय,झुलत हिय में वनमाली। सखियाँ समझें और,बसे हरिमन हरियाली। .              *2*  सावन की शुभ तीज है,आइ गये […]

नमन करूँ मैं निज जननी को, जिन जीवन दान दिया। वंदन करूँ जनक को जिसने जीवन  सम्मान दिया। नमन करूँ भ्राता भगिनी सब , संगत  रख  स्नेह दिया। गुरु को नमन दैव से पहले मन वचन सु ज्ञान दिया। .                ~~~~~ मानुष तन है दैव दुर्लभम, अनुपम  व  सौगात है। […]

.               मात नमन हम करें सदा ही, हमको  शिक्षा दान  दो। पढ़ लिख सीखें तमस मिटाएँ, ज्ञान  का  वरदान  दो। अज्ञानता को दूर कर माँ, ज्ञान का  पथ  भान दो। पित,मात,गुरु सेवा करूँ माँ , भाव   संगत   मान  दो। .           ~~~~~~~ मात शारदे वंदन गाता, चरण कमल पखारता। तरनी तार […]

श्री अटल भारत भू प्रिय मनुज, शान सत अरमान है। जन जन हृदय सम्राट बन कवि, ध्रुव बने असमान है। नहीं भूल इनको पाएगा, देश का अभिमान है। नव जन्म भारत वतन पर है , या हुआ अवसान है। .                 ~~~~~ हर भारत का भरत नयन भर, अटल की कविता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।