सुन्दर अपना देश है, सुन्दर जग  में  शान। वन्य खेत गिरि मेखला,सरिता सिंधु महान। सरिता सिंधु महान, ऋतु  ये हैं मन भावन। पेड़,गाय,जल,आग, इन्हे मानें  हम पावन। कहे लाल  कविराय,  बरसते  यहाँ  पुरंदर। सुन्दर सोच विचार, बोल भाषा सब सुन्दर। .                  वंदन  सुन्दर  हो  रहा, सुन्दर शुभ परिवेश। सुन्दर फल […]

निमि की वंशज हूँ मैं, सूर्यवंश की परिणीता। जो त्रैलोक्य का स्वामी है, उसका मन मैंने जीता।। विधि से लभ्य हुए सब साधन, किन्तु अभाव में बीता जीवन। सप्तपदी से सप्तजनम का, साथ तुम्हारा प्रेय बना। वनवास तुम्हें जब श्रेय हुआ, मेरा भी गृह अरण्य बना।। मेरा कब, कितना दोष […]

*पूजा की थाली सजती है* *अक्षत पुष्प रखें रोली।* *काव्यजगत में ध्रुव सी चमके,* *कवि प्रिया,काव्य रंगोली।* .                *हिन्दी साहित सृजन साधना,* *साध करे भाषा बोली।* *कविता गीत गजल चौपाई,* *लिखे कवि काव्य रंगोली।* .                *दोहा छंदबद्ध कविताई,* *मुक्तछंद,प्रीत ठिठोली।* *प्रेम रीति शृंगार सलौने,* *पढ़ि देख काव्य रंगोली।* .              *लिखे […]

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स्वस्थ अगर रहना है तन से, सुबह सुबह में योग करें। मर्यादा में रहना है तो, शौचालय का प्रयोग करें।। ना जाने कितनी बीमारी, खुले शौच से होती हैं। और घर की बहू बेटियां, अपनी इज्जत होती हैं।। मूंछों का ख्याल रखो तुम, महिलाओं का मान रखो। बेटी घर की […]

अबला  नारी  को कहे, होता है अपमान। बल पौरुष की खान ये,सबको दे वरदान। सबको दे  वरदान, ईश  भी  यह जन्माए। महा  बली  विद्वान, धीर   नारी  के  जाए। देश रीति इतिहास,बदलती धरती सबला। करें आत्मपहचान, नहीं  ये होती अबला। .                   होती पीड़ा  प्रसव में, छूट सके  ये  प्रान। जानि  गर्भ […]

 *मुगल दरबार* राणा  हर  संदेश   को, लौटाते  हर  बार। आन बान मेवाड़ क्यों,झुके मुगल दरबार। झुके मुगल दरबार,मान तज बन दरबारी। पा मनसब जागीर, चली रिश्तों की बारी। शर्मा बाबू लाल, झुके  नहीं  वे  महाराणा। एकलिंग    दीवान,  वही   मेवाड़ी   राणा।  *राम दरबार* सीता रामानुज सभी, सजे राम दरबार। हनुमत  बैठे  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।