.                         पावन पुन्य पुनीत पल,प्रणय प्रीत प्रतिपाल। जन्मदिवस शुभ आपका,प्रियतम प्राणाधार। .                         प्रिय पत्नी प्रण पालती, प्राणनाथ  पतिसंग। जन्मदिवस जुग जुग जपूँ,रहे सुहाग अभंग।। .                         प्रियतम  पाती  प्रेमरस, पाइ  पठाई  पंथ। जागत जोहू जन्मदिन,जगत जनाऊँ कंत।। .                         जनमे जग जो जानिए, जन्म दिवस जगभूप। प्रिय परिजन परिवार,पर,प्यार प्रेम प्रतिरूप। .                         […]

  .        सहज कार्य, प्रीत सजल है, नर्मद सम् पावन दृगजल हैं। प्रेम  प्रीत  का पावन झरना, नेह स्नेह अभिलाष सरल है, करबद्ध जन्मदिन कहना है। अपनी प्रिय पावन बहना है। जीवन सुरभित चंदन जैसा, मैना  कोयल  जैसा स्वर है। वर्ण सुवर्ण,भाव  भी  उत्तम, मीन से अक्षि सौम्य सुघर है। […]

.              *1*  मौसम सर्दी का हुआ, ठिठुरन  लागे पैर। बूढ़े  और  गरीब  से, रखती   सर्दी  बैर। रखती  सर्दी  बैर, दोउ  को खूब सताती। जो होते कमजोर,उन्हे ये आँख दिखाती। कहे  लाल कविराय ,होय ये ऋतु  बेदर्दी। चाहे वृद्ध गरीब, आय  क्यों मौसम सर्दी। .              *2*  गजक पकौड़े रेवड़ी,मूँगफलीअरु चाय। ऊनी कपड़े पास […]

कलम चले सतत समय सी, लिखती नई  इबारत  सारी। इतिहासों  को कब  भूलें है, लिखना देव इबादत  जारी। …….✍✍ घड़ी  सूई व चलित लेखनी, पहिये कालचक्र अविनाशी। चलते लिखते घूम घूम कर, वर्तमान- भावि – इतिहासी। ……✍✍ मिटते नहीं  कलम के लेखे, जैसे  विधना लेख अटल है। हम तो बस […]

हाथ भले ही टूटे मेरा, कलम नहीं टूटने दूँगा। श्वाँस भले ही टूटे मेरा, मनुता नहीं छूटने दूँगा। जब तक न जागे धरती पर, यह जनता भोली भाली। हाथ भले दबाले जालिम, कलम नहीं रुकने वाली। ✍✍✍ तू क्या रोके अत्याचारी, असि से तेज कलम है काली। गोली या तलवार […]

आओ दोहा सीखलें,शारद माँ चितलाय। सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जाय।। ग्यारह तेरह मात्रिका, दो चरणों में आय। चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहाय।। प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा आय। दूजे चौथे  में गिनो, ये ग्यारह रह जाय।। चौबिस मात्रिक छंद है,कुलअड़तालिस होय। सुन्दर दोहे जो लिखे, सत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।