इसको लिखने के लिए मुझे डाक्टर शाहिद परवेज की किताब का अध्ययन किया। जिससे मैं इस को लिखने में कामयाबी हासिल कर चुका हूं।पूरे विश्व में हरियाणवीऔर उर्दू संभवतः अकेली ऐसी भाषाएं हैं जिनके संज्ञा, सर्वनाम, क्रियापद और वाक्यरचना पूर्णतः समान होने के बावजूद उन्हें दो अलग-अलग भाषाएं माना जाता […]

राजनीति एक ऐसा खेल है जिसमें सभी खेल खुले मंचों पर कभी भी नहीं होते यह एक अडिग सच है। गाँव की राजनीति से लेकर क्षेत्र की राजनीति तक एवं प्रदेश की राजनीति से लेकर देश की राजनीति तक। सभी खेल कभी भी खुले मंचों पर नहीं होते। क्योंकि राजनीति […]

साहित्य मानवीय अभिव्यक्ति की एक उत्कृष्ट कृति है। साहित्य जो पीड़ितों की पीड़ा और समस्याओं को हल करने के लिए समाज में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करता है। ऐसे रचनात्मक साहित्य का प्रवाह आज कम हो गया है। जब तक प्रगतिशील आंदोलन अपने मजबूत सार में था, साहित्य और जीवन […]

राजकिशन अगवानपुरिया हरियाणा के एक महान लोक गायक हैं इनका जन्म 8 सितंबर 1957 को सोनीपत के गांव अगवानपुर में हुआ। यह बहुत ही साधारण परिवार में जन्मे थे। राजकिशन एक सरल स्वभाव के व्यक्ति और सबके मिलनसार व्यक्ति थे उन्होंने हरियाणवी मां बोली की सेवा पूरी उम्र की और […]

पिछले अनेक वर्षों से भारत में कृषि अर्थव्यवस्था के गहरे संकट में फँसे होने की ख़बरें सुर्ख़ियों का हिस्सा बनती रहीं। यह बहुत दुखद है कि अपनी संकटपूर्ण स्थिति को दुनिया के सामने दर्ज करने के लिए पिछले क़रीब ढाई दशक में पाँच लाख से ज्यादा किसानों को आत्महत्या का […]

भारतीय बाजारों में आम जनमानस को आसानी से उपलब्ध होने वाली अदरक एक भूमिगत रूपान्तरित तना है। इसका वैज्ञानिक नाम जिंजिबर ऑफ़िसिनेल है जो जिंजीबरेसी कुल का पौधा है। अदरक सामान्यतः भूमि के अंदर बढ़ती रहती है और अपने अंदर खाद्य पदार्थों एवं औषधीय गुणों का संचय करती रहती है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।