मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता का. भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा है. भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

गिनती गिनना आसान होता है एक बच्चा भी गिन सकता है गिनती यह उन लोगों के लिये आसान नहीं होता जिन्हें कभी गिना ही नहीं गया वह पहला आदमी जिसे गिना नहीं गया वह अंतिम आदमी जो गिनती से बाहर है उसका चेहरा नीला पड़ चुका है नीले आकाश का […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है, अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा हैl भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

तेरी यादों को दिल के कोने में सम्हाल के रख लिया, जब भी तेरी याद आई उन पलों को याद कर लिया। हसरतें तो बहुत थी तेरे संग जिंदगानी बिताने की, तुम हो नहीं मेरे,ये सोच दिल पर पत्थर रख लिया। दिल के इस झरोखे में तुमको कब से बिठाए […]

दिल परेशां है आँख आज हुई नम, भूली कोई दास्ताँ याद आ  ही गई। चैन मेरा  कहीं आज खो सा गया, बीती बातों से बेचैन ये दिल हुआ। सुकूँ  के दो पल अब दिल  चाहता, कोई मिलता है नहीं अपनी तरह। बीच बाजार में अब लगे तन्हाई-सी, कैसी ये ख़ामोशी […]

मेरे अहसास वो खूबसूरत से सपने, सब कुछ संग अपने बटोर ले गए…l  हर आहट मुझे तेरी ही लगती थी, अब इस चहल-पहल को भी सूना कर गए…l  हम इंसान थे हरे-भरे चलते-फिरते पेड़ से, तुम हमें पतझड़ का कोई पेड़ कर गए…l  हँसते थे बहुत ही मुस्कराते थे हर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।