तुम कौन हो ………., जो न जाने कहां से आए और मेरे मन मस्तिष्क पर छोड़ गए एक छाप-सी, तुम कौन हो आखिर जो मेरे शरीर के अंतिम कोने तक एक लकीर खींच गए अपने नाम की…………l तुम कौन हो……………, जो एक झौंके की तरह आए मेरे जीवन में, और […]

रोज सुबह केवल, सूरज ही नहीं निकलता पहाड़ियों की ओट से एक गडरिया भी आता है, पगडंडियों पर काँधे पर लाठी लेकर सीना फुलाकर रेवड़ भूल न जाए रास्ता रखता वो चौकस निगाहें क्या सूरज भी ऐसी रखवाली करता है किरणों की।   दिनभर सूरज की, यात्रा के साथ चलती […]

समुद्र के किनारे रेत पर, टहलते……….टहलते…… गुनगुनाए जा सकते हैं गीत उकेरे जा सकते हैं प्रेम संदेश, या प्रिय का नाम.. पर कौन ले पाता है थाह समुद्र की गहराई कीl लहरें  केवल सतह ही नहीं होती, वे मथती रहती हैं.. खुद समुद्र को भी, गहराई तक दिन और रात.. […]

मेरी जीवंत स्मृतियों में आज भी शामिल है एक सहज सरल उमंगता बचपन। संयुक्त परिवार के रिश्तों की झिलमिल कड़ियां………शरारतें……….पढ़ाई……….. गुरूजनों का सम्मान……..संवेदना से भरा संसार………..इन्हीं सबमें मेरे विश्वास श्रद्धा को विनत भाव का एक पुष्ट संस्कार मिला। खुशनुमा बचपन में लौटती हूँ तो,वहाँ ढेरों खुशियों के साथ साथ बीत […]

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सुधा की नजरें बार-बार दरवाजे पर ठहर रहीं थी। उसे लग रहा था कि, बचपन की तरह आज भी उसे ‘सरप्राइज‘ देने के लिए पीयूष आ जाएगा,पर आज उसे दरवाजे की हर आहट से निराशा ही मिल रही थी। रिश्तेदारों की मूक निगाहें भी ढेरों सवाल कर रही थी,वहीं सुधा […]

सुबह की चाय के साथ ज्यों ही अखबार खोलकर बैठी,एक मन्द-सी मुस्कान अनायास ही मेरे चेहरे पर बिखर गई। पूरा अखबार डिस्काउन्ट सेल के विज्ञापनों से भरा पड़ा था..और हो भी क्यों नहीं,आखिर महिला दिवस (‘वूमन्स-डे’)जो था। इस तरह के क्षणिक आकर्षण ही तो ऐसे ‘डे’ के पर्याय बनते जा […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।