धन्य हुई अवध पूरी,जन्मे राजा राम। राम जन्म से बिगड़े हुए, बने सभी काम।। राम जन्म की बधाई, मिल रही चारो ओर से। धन्य हुई कौशल्या माई ,दे जन्म श्री राम को। विस्मित हुई  मात जब दर्शन दिए विराट रूप केे। कर जोड़ किया विनय ,ले लो अवतार पुनः निज […]

हो रहा अत्याचार मासूमों पर माँ, बिलख रही किलकारी है माँ। ले कर के खड्ग और त्रिशूल माँ, दुष्टों के शीश भेट चढ़ा जाओ। हे माँ प्रचंड रूप धर आ जाओ।। तब कोख में मरती थी कन्या अब तो जन्म के बाद उजड़ती है । पैदा करने वाला बन गया […]

होरी आयी ,होरी आयी बूढे ,बच्चे सब पर मस्ती छायी। रंगों की हो रही बौछार। आया आज खुशियों का त्यौहार। गुजिया,मठरी बहुत बनाये। ठाकुर जी को भोग लगाये।। आज घर पर बनेगी ठंडाई। जम के चले आज पुरवाई। उस पर चढ़ा भांग का रंग। मस्ती करेंगे सब के संग। ब्रज […]

आज की नारी इतनी कमजोर  नही जो झुक जायेगी। करो चाहे पुरजोर जतन तुम, नही वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला, तेजाब से खत्म हो पायेगी। शक्ति रूप है नारी ,नही मोंम जो पिघल जायेगी। बंद करो तुम अब जिस्मो का व्यापार चलाना। नारी कोई वस्तु नही जो बाजार में बिक […]

फरवरी का महीना था ।बात शिवरात्रि की है ,उस दिन सुबह से ही बारिश हो रही थी ।तभी गली में मुझे बीन की आवाज सुनाई दी।किसी ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई ,ओम नमः शिवाय । शिव जी का नाम कानों में सुनाई दिया तो खिड़की खोल कर देखा गली […]

सुनो तुम्हे गुलाब पसंद है ना और मुझे तुम पसंद हो। तुम्हारी खुशबू , तुम्हारा अहसास मुझे गुलाब से ज्यादा पसंद है। तुम्हे चॉकलेट पसंद है और मुझे तुम्हारी चॉकलेटी बातें। तुम्हारा प्यार चॉकलेट सा ज्यादा टेस्टी है। मुझे वो पसंद है। तुम्हे टेड्डी बहुत पसंद है ना और मुझे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।