होकर भुजंग ने दंभ ग्रस्त,राजा के पैर में काट लिया, राजा पल भर ही तड़पा,विष ने जीवन को घेर लियाl वो राजा कोई और नहीं,वो तेज प्रतापी परीक्षित था, जो गर्भ में मरकर भी साथी श्रीकृष्ण कृपा से जीवित थाl लेकिन वो सर्प था दंभ ग्रस्त,अपने विष में वो बड़ा […]
हर पल मैं हर लम्हा तुमको ही जीता हूँ, जीने में मरने में,तुमको ही खोता हूँ। बिन तेरे तन्हा-सा ,एकांकी फिरता हूँ, सब कुछ खोकर साथी, बेफिकरा लगता हूँ। मृग की में तिष्ण-सा,हर तरफा भगता हूँ, जीने और मरने में बस आहें भरता हूँ। हर पल मैं,हर लम्हा तुमको ही […]
सच तो ये है मेरी हर शाम उदास होती है, अकेले में भी तुम्हारी यादें पास होती हैl एकांत की बात तो चलो दूसरी है साथी, भीड़ में तन्हाई मेरे आस-पास होती हैl मुद्दतों से फिर रहा हूँ उस मंजिल की चाह में, मगर वो मंजिल दूर होकर भी […]
भूख की पीड़ा को सहता गया, कर्म के मर्म को स्पर्श करता गया, मैं हूँ `किसान`.. अन्नदाता की पदवी को ढोता गया, क्षुधित बेटी को पुचकारता गया, मैं हूँ `किसान`l आधुनिकीरण की बलि चढ़ता गया, जमीन में सीमेंट के जंगल बोता गया, मैं हूँ `किसान`.. दामाद को खरीदता गया, बेटे […]
दुविधाओं से घिरा हुआ.. आंखों को मलता हुआ धीरे-धीरे जागता हुआ, खुद को भारतीय करार करता हूँ… अपने जीवन में एक मुद्दे पर दो राय रखता हूँ..l जब मैं आदमी हूँ तो अपने घर की, नारी को अबला एवं कल्पनाओं में सबला करार करता हूँ… पिता हूँ तो अपने पुत्र […]
उल्लास,उमंग और जोश से भरा एक कारवाँ अपने पूरे चरम पर था.., जहाँ हर कोई उत्साह से लबरेज था.. पर यह क्या,सामने आंखों में अश्रु समेटे एक किशोरी रथ की ओर बढ़ी चली आ रही थी….। वो ठहरी और भीड़ के भगवान को सांत्वना देती हुई निकल गई…।भगवान जी के […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।