सुख से सम्बन्धित बातें तो बहुत सारी की जा सकती हैं लेकिन कुछ बातें अनुभव की करी जाए तो उसका आनंद अलग है । लोग कहते है कि आंखों देखी और कानों सुनी बात में ज़मीन और आसमान का अंतर आ जाता है, लेकिन आज जो बात है वो […]

आचार्य हेमचंद्र ने समस्त व्याकरण वांड्मयका अनुशीलन कर शब्दानुशासन एवं अन्य व्याकरण ग्रंथोकी रचना की। पूर्ववतो आचार्योंके ग्रंथोका सम्यक अध्ययन कर सर्वांड्ग परिपूर्ण उपयोगी एवं सरल व्याकरणकी ‍रचना कर संस्कृत और प्राकृत दोनों ही भाषाओंको पूर्णतया अनुशासित किया है। हेमचंद्रने ‘सिद्वहेम’ नामक नूतन पंचांग व्याकरण तैयार किया। इस व्याकरण ग्रंथका […]

  विनम्र श्रद्धांजलि जयजयजयजय तरुणासागर। सच्चाई  को किया उजागर। । ऋषभदेव से तुम अवतारी। महावीर से सत्य विचारी।। प्रताप शांति के घर जाये। पवन जैन जब नाम धराये।। चौदह बरस उमर थी भाई। छोड़ खिलोना मुनिपद पाई।। गढ छत्तीसा शिक्षा पाये। क्रांतिकारी मुनि संत कहाये।। सन अट्ठासी बीस जुलाई। बागी […]

राजनीतिजीवन बनी,दिलसे साहित साज। कबीर जैसी साधना,जनता रोती आज।। अटल बिहारी आपका, करता जग सम्मान। मर्यादा संविधान की, कहते कवी मसान।। जयजयजयजय अटलबिहारी । राजनीति भी तुमसे  हारी।। पच्चीस दिस चौबिसा आई। अटल बिहारी जन्में भाई।। कृष्ण बिहारी पिता तुम्हारे। जो शिक्षक थे सबसे न्यारे।। कविता साहित्य खूब रचाये। दीन […]

जयजयजयजयअटलबिहारी । राजनीति भी तुमसे  हारी।। पच्चीस दिस सनचौबिसआई। अटल बिहारी जन्में भाई।। कृष्ण बिहारी पिता तुम्हारे। जो शिक्षक थे सबसे न्यारे।। कविता साहित्य खूब रचाये। दीन दुखिन  को लगे लगाये।। भाषण व्यंग्य कविता गाई। हिन्दी भाषा मुकुट बनाई।। राष्ट्रसंघ  में  भाषण  दीना। सारे जग ने हिन्दी चीह्ना।। सन सत्तावन […]

पल-पल नव बीते, बीते नव दिवस अरु रात। सप्ताह बावन बीत गए, बीत गए बारह मास॥ फिर आया नव बरस, नव पर नव परभात। हँसी-ख़ुशी अरु आनन्द लिए, मन में अति उल्लास॥ प्रभु की मेहर बनी रहे, घर-घर हो शांति का वास। प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा करे, विनती करें दशरथ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।