(पर्यावरण दिवस विशेष ) मूर्खता को छोड़ दो, काटकर तुम पेड़ को आनन्द उर में भर रहे। किस कदर अन्याय खुद की जाति से तुम कर रहे॥ त्याग दो यह बुद्धिमत्ता प्यार कर लो पेड़ से, वर्ना अपनी जिन्दगी को मौत से तुम जोड़ लो। मूर्खता को छोड़ दो..॥ भू-स्खलन […]

(विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष) चलो बचाएं पर्यावरण, आओं करें पौधारोपण। बढ़ रही है ओजोेन गैस, इसलिए करें पौधारोपण॥ चलो बचाएं  पर्यावरण, फैला  चहुंओर  प्रदूषण। फैल  रही  हैं बीमारियां, भू का करें हम संरक्षण॥ बनाएं  ऐसा वातावरण, महकाएं हम पर्यावरण। हो घर-आंगन पेड़-पौधे, हो इसका सौन्दर्यीकरण॥ मानव का मित्र पर्यावरण, […]

(आज मातृ दिवस के अवसर पर विशेष ) किससे सुनूँ माँ,आज फिर वो लोरी, कैसा था चंदा मामा कैसी थी चकोरी। तेरी याद में माँ आज आंख भर आई, पिला दो मुझको माँ वो नेह की कटोरी।। वो धनिए की चटनी,चूल्हे की रोटी, कहती थी इससे स्वस्थ रहती किडनी। बड़े […]

कौशल कुमार पाण्डेय  ‘आस’ (विधा- वीर छंद,मात्राभार- कुल 31,यति 16/15 ______________________________ रक्षक ही भक्षक बन करके,      लूट   रहे   हैं   देखो   जान। बने भेड़िए  घात लगाए,      करते भारत  का अपमान।। शर्म करे दरबार देश का,       रखे  न अपनी आँखें  मींच। […]

सुकमा में सैनिकों पर हुए हमले, से आहत हुई है आज भारत माँ। मौत से खेलने वाले ऐसे दरिंदों, का करो जवानों अब तुम खात्मा।। सैनिकों की शहादत पर तब, होगी हमारी सच्ची श्रध्दांजलि। काट लाएंगे उनके भी सिर हम, तब होगी माँ भारती को तसल्ली।। कोई पत्थर मारे तो […]

(22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रचना) पृथ्वी आशा का प्रतीक है, पृथ्वी की खूबियां प्रसिद्ध है। जिस पर हर जीव रहे खुश, पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित है।। पृथ्वी ऊर्जा का मूल स्रोत है, पृथ्वी पर होे रहे कई शोध हैं। जल,जंगल,जमीं इसके अंग, पृथ्वी पर तो पग-पग शोध […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।