ख़ता इतनी नहीं है देखिए जी। हमारी बेबसी है देखिए जी। तुम्हारे सामने बैठे हुए हैं, तुम्हारी बन्दगी है देखिए जी। तुम्हें देखे बिना बुझती नही है, बड़ी ये तिश्नगी है देखिए जी। तुम्हारा यूँ हमारे साथ होना, हमारी जिंदगी है देखिए जी। सभी जितनी रही हमसे तुम्हारी, शिक़ायत लाज़मी […]

मेरी एक दुकान है, जहाँ बनते इँसान हैं। डॉक्टर-इंजीनियर या हो वकील, जो भी चाहे मेरा दिल पुलिस-सेठ या हो नेता हर इँसान मैं बना लेता। मैं जाति-भेद कभी न बढ़ाता, जो भी आता उसे पढ़ाता समानता की सीख देता, हर बात श्यामपट पर लिख देता। जिसकी रही भावना जैसी, […]

इतना ग़म ने भी मुझको मारा है। हाय क़िस्मत को क्या ग़वारा है।। चलते रहना तू सच की राहों में। झूठ सच से सदा ही हारा है।। कितने आरोप तुम लगा डालो। मुझको सच का बड़ा सहारा है।। कैसे नेताओं पे यक़ीन करुं। खा लिया भैंस का भी चारा है।। […]

मैं तपती धरती हूँ प्रियतम, तुम पावस की हो जल धार मिल जाए गर नेह तुम्हारा मना लूं मैं भी एक त्यौहार। जब-जब खिली चांदनी छत पर, तारों संग बारात लिए चुनर डाल चली सिर ऊपर शरमाई मधुमास लिए पायजेब ही शोर मचाए सौतन-सा करती व्यवहार।मिल जाए….।। छोटी-सी बदली ने […]

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कविता आँखें खोलती,कविता लड़ती जंग कविता लाती चेतना,कविता भरती उमंग। कविता दिल में उतरती,कविता करती मार कविता जोश उभारती,कविता की तलवार। शस्त्र सिर्फ कर सकते,तन पर ही प्रहार अंतर्मन झकझोरती,ये कविता की धार। कविता जब लगाती है,अपनी तेज हुंकार अर्जुन भी उठ खड़ा हो,करता है ललकार। याद दिला इतिहास का,बढ़ाती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।