ये दो नीली लकीरें बताती हैं, वो पढ़ता तो है मुझे पर जवाब नहीं देता.. मेरी धड़कन रोज़ बताती है, वो याद तो करता है मुझे पर बात नहीं करता। दिल तो मेरी तरह उसका भी होता है, फोन करुं.. पर फोन लगा नहीं पाता, ये दिल कमबख्त तय नहीं […]

तूफ़ानों में थामते,जो सत की पतवार। होती है भव से सदा,उनकी नैया पार॥ विपदा काले धारते,जो अंतस में धीर। विजय वरण करते सदा,केवल वही सुधीर॥ तूफ़ानों से जो लड़े,हुए अंततः पार। कोशिश की होती नहीं,कभी किसी युग हार॥ तम की छाती चीरकर,निकली किरण सुदीप। जब मन में रोशन हुआ,आशाओं का […]

हमारे देश में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है,बल्कि एक धर्म है,और इस धर्म के भगवान हैं दुनिया के सबसे शानदार व सफल बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। हमारे यहां क्रिकेटर होना कोई साधारण बात नहीं है। यहां तो क्रिकेटर हर दिल की धड़कन होते हैं, और फिर किसी भी मैच के […]

ढूंढ रहा हूँ अपनी कविताओं को, भाड़े के कमरे के कोने–कोने में.. जहाँ कमरे के बाहर खोले गए, चप्पलों के संख्या के हिसाब से.. बढ़ जाता है किराया हर माह, ढूंढ रहा हूँ अपनी कविताओं को.. चावल,दाल और आटे के खाली कनस्तरों में, बेटी के दूध की बोतल में.. जिसमें […]

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मैंने जब ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा लिखी `जूठन` आत्मकथा का भावन करके उसे आत्मसात् किया,तब मेरे मन में जो संवेदना,जो प्रश्न उठे,उसी को मैं सामने रखकर वाल्मीकि जी के प्रति अपनी शब्दांजलि प्रकट करना चाहती हूँ,क्योंकि कथा तो सब पढ़ते हैं लेकिन उस कथा में से जो संवेदनाएँ निकलती हैं उसे आत्मसात् करना […]

मातृभाषा है हिन्दी मेरी,मेरे भारत का अभिमान। बावन अक्षर इसमें प्यारे,करते हैं हम सब सम्मान॥ बारह खड़ी की अद्भुत रचना,क से ज्ञ तक व्यंजन जान। स्वर की महिमा बड़ी अनोखी,प्राकृत का होता है ज्ञान॥ स्वर,व्यंजन व व्याकरण मिल के,बनते हैं फिर छंद महान। गीत मनहरण दोहे प्यारे,रचते हैं हिन्दी की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।