1

हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार, ले विश्वास मैं दौड़ा आया कब से खड़ा हूँ तेरो द्वार l हे प्रभु मोहि…………..ll ले लो शरण अपने रज बीच, दे दो मोहि सुखधाम जनम-जनम की बिगड़ी बना दो, कर सुख-दुख एक समान l हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार ll […]

मानते रहे वसुंधरा कुटुम्ब के समान, आदिकाल से तभी लगे रहे सुधार में। भारतीयता करे विकास विश्व में अतीव, ध्यान दें सभी इसी सुलक्ष्य के प्रसार में। युद्ध को चुना नहीं चुना पवित्र प्रेम पंथ, भावना विनाश की न आ सकी विचार में। किन्तु मारना उन्हें रहा सदैव आर्य धर्म, […]

आओ बातें करें हम सारे सुधीजन , बीते दिनों की कहानी कहें हम , राजा और रानी की सात भाइयों की , खरगोश, कछुए की लंबी दौड़ की , चूहे और शेर के छोटे-से वादे की , प्यासे कौवे की गजब चतुराई , मगर और बंदर के मीठे कलेजे की […]

एक पेड़ था। धूप से उसके सारे पत्ते झुलस गए थे। जेठ की दुपहरी का कड़क तूफान…दो पत्तों मे पक्की मित्रता थी। एक धूप में तपकर सिहरते हुए अपने साथी से बोला-‘भाई! अब मैं मर जाऊँगा। जीवन में इतनी तपन है, मुझे नहीं मालूम था।’ दूसरा पत्ता मुस्कुराते हुए बोला-‘मरने […]

चमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है। हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥ हिमालय की बुलंदी से, यही आवाज है आती। बचा लो हिन्द के वीरों, वतन के आन की थाती॥ लुटाया लाल माँओं ने, दुल्हन पति को बहन भाई। बहुत कुर्बानियाँ लेकर, ये आजादी – […]

भारत में रहते हो फिर क्यों, कहते हो डर लगता है । शायद चोर तुम्हारे मन का, अब तक लगता जगता है॥ हिन्दू का है देश इसी से, हिन्दुस्तान कहाता है। धर्म-द्वेष का भाव तजो सब, हिन्दू धर्म सिखाता है॥ मूर्त अमूर्त सभी पूजन विधि, इसमें पाई जाती हैं। इसीलिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।