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इंसानियत पर हैवानियत भारी, आँखें मूंदकर देख रही दुनिया सारी, ये लड़ाई,झगड़े,हत्या,दंगा, सब कुछ बड़ा ही गंदा होता है। सारी दुनियाँ जानती है, ये कानून बड़ा ही अंधा होता है॥ झूठे किस्से,झूठी कसम, झूठे फैसलों वाला विधि बेशरम, बच जाते हैं वो कातिल, जिनका हाथ खून से रंगा होता है। […]

एक दस-बारह वर्षीय बच्चे ने राह गुजरते एक अप-टू-डेट व्यक्ति से अनुरोध किया- ‘बाबूजी बूट पॉलिश करवा लो।’ कुछ सोचकर वह व्यक्ति रुक गया और बच्चे से सहज प्रश्न किया- ‘कितने पैसे लोगे?’ ‘साहब बीस रुपए।’ राहगीर यह सुनकर भौंचक्का रह गया। उत्सुकतावश उसने पुन: सवाल किया- ‘अरे बेटा,सभी दस […]

  जिन्दगी  के आँधियों के झोंके सहज मन झेलिए। व्यथा-कथा की पुलिन्दा किसी से न खोलिए॥ कम करना चाहते सचमुच हृदय की वेदना। मात्र कहिए एक प्रभु से आप निज संवेदना॥ हर दौर हर ठौर में हैं दुश्मन भरे जस्बात के। कर सकते न्याय कहाँ वे आपके हालात से ? […]

साल गुजरेंगे कुछ महीनों में, आ के बैठो तो नाज़नीनों में। आप शामिल हैं हमनशीनों में, सांप पलते हैं आस्तीनों में। करके मेहनत कमाओ दुनिया को, खुशबूएँ आएंँगी पसीनों में। हुस्न उसका खुदा की नेमत है, अब भी मशहूर हैं हसीनों में। दोस्ती करके हमने जान लिया, रंजिशें  हैं बहुत […]

आदमी ने पूछा -मेरे भाग्य में कितना धन है? नारदमुनि ने कहा-भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा…l नारदमुनि ने कहा-१ रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है…। आदमी बहुत खुश रहने लगा…l उसकी जरूरतें १ रुपए में पूरी हो जाती थी…। एक दिन उसके मित्र ने कहा-मैं तुम्हारे सादगी के जीवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।