आधी रात सन्नाटों की नीरवता में, व्याकुलता जब बढ़ने लगी दिल में फिर खलबली-सी, मचने लगी दिल की किताब के चंद पन्ने, पलट गए लम्हों की ओर चंद किस्से बचपन के हंस पड़े किलकारी मार। माँ के आँचल बाप की ऊँगली, दादी-नानी  की कहानी चाचा की पीठ बुआ ढीठ, […]

1

नदी  की  कलकल, ध्वनि-सी  करती नाचती, इठलाती, बलखाती, बावरी-सी  हो  गई  हूँ आजकल  मैं  एक, समन्दर की  खोज  में। मेरे  मन  का  उल्लास, मुझे  रूकने  नहीं  देता थमने  नहीं  देता, दौड़  पड़ती हूँ  मैं हर  उस  परछाईं  की  ओर, जो  तुम-सी लगती  है तुम-सी दिखती  है। बह जाती  हूँ पवन […]

चल रे मन आज कुछ नया करते हैं, आसमां को जमीं और जमीं, को आसमां पर ले चलते हैं। आँगन में बिखरी यादों के लम्हों को, मेंहदी वाली हथेलियों से समेटते हैं। चल रे मन ……………………॥ पनीली अँखियों में रुठे सपनों को ढूंढते हैं, बहते हुए आंसूओं का समन्दर ढूंढते […]

पिछली रात हुई बरसात , और पानी सड़कों पर आया। भोर हूई और देख हाल, मेरा तो बस मन भर आया। कहीं डालियां टूटी बिखरी है, कहीं कीचड़ की नदियां दिख रही है। सब और हलचल छा गई है, और जनता सारी चीख रही है। लगता है आँधी भी थी […]

मैं निर्जीव हूँ मेरा भी सम्मान करो, मुझमें तुम्हारी जैसी जान नहीं बोल नहीं पाता, हँस नहीं पाता रो नहीं पाता पर मेरी दयनीय दशा हाल बयाँ करती है, मुझे भी इन्सानों जैसा साफ सुथरा व समय-समय पर मरम्मत करते रहो। मैं खुद पर हुए प्रहार को रोक नहीं पाता, […]

1

जैसे ही वह जेल में पहुंचा, उसे एक ‘स्पेशल सेल’ में ले जाया गया। उसने संतरी से पूछा-‘ये मुझे कहाँ ले जा रहे हो, क्या मुझे सामान्य कैदियों की तरह उनके साथ नहीं रखा जाएगा?’ ‘नहीं बाबा, जेलर साहब ने जेल में आपके जैसे सब दूतों के लिए अलग सेल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।