मज़बूर हूँ मैं। मगर ये मत समझना, कि कमज़ोर हूँ। मज़बूत हूँ मैं, साथ ही ग़रीब हूँ। मगर लाचार नहीं।। तेरे शोषण का सबूत हूँ मैं, तेरी ही पहचान हूँ मै। फिर भी अपनों के लिए कार्य कर रही हूँ। दुखी होते हुए भी, आनंदमय जीवन जिये जा रही हूँ […]

ये कैसे सरकार आ गई देखो अपने देश में। खुद ही आग लगा रहे देखो भारत देश में। करना धरना कुछ नहीं बस अपास में लड़ना है। इसी का फायदा उठाकर जनता को मूर्ख बनाना है।। बैंको का पैसा लूटा दिया जो था देश की जनता का। पैसे लेकर भाग […]

सतगुरु जैसा कोई जगत में, उनका ही गुण गान करो। मन की मैली चादर अपनी, बिन साबुन है साफ करो।। मुनि रूप में विद्यासागर, आये करने को उद्दार। महिमा इनकी कोई न जाने, इनके तो रूप है हजार । दर्शन गुरु के करो हमेशा, सुबह सबरे जाप करो। मन कीं […]

सुनो मेरे देशवासियों, मनाने जा रहे, 72व गणतंत्र दिवस, कुछ संकल्प ले लो। नहीं करेंगे कोई भेदभाव, हम जाती और धर्म पर। समान भाव सबके प्रति, हम सब मिलकर रखेंगे। तभी हमारा ये देश, दिखेगा विश्व में विशेष।। हमें इस पर है अभिमान, और इसे बहुत है हमें प्यार। इसलिए […]

लूटाकर सब कुछ अपना तुम्हें खुश नहीं कर पाये। जमाने की खाकर ठोकर संभल तुम नहीं पाये। अपने और परायो को नहीं पहचान तुम पाये। क्योंकि तुम खुद किसी के दिलमें जगह नहीं बना पाये। । कसम खा खा कर तुमने न जाने कितनो को लूटा। न जाने कितनो को […]

बहुत दुख है सागर को जो किसीको दिखाते नहीं। फिर भी सभी के दुखोको समेट लेता है अपने अंदर। और सुकून देता है सदा अपनी ठंडी लहरो से। तभी तो गम समुद्रतट पर स्वंय ही हँसने लगता है।। जो लहरो को देखता है समझ उसको आता है। सागर की हकीकत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।