॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥॥ मेरी सहज अभिव्यक्ति को माँ तुमने आधार दिया, कल्पनाओ को भी सुंदर तुमने एक संसार दिया। अपनी गोदी में पाला मुझको, चिंतन का संस्कार किया॥ चुका सकती हूं क्या ऋण अब जीवन तुममे बहता है, तुम में ही मां हिंदी मेरी, अब मन रमता रहता है। जब भी रोईं […]