जीवन एक संग्राम है, जीना इसका नाम है। आती-जाती सांस, जीवन का विश्वास है। सुख-दुख की परछाई, इस जीवन की गहराई। इसका विश्राम है, जीवन एक रण है। जीना क्षण-क्षण है, जीवन मृत्यु का, अंतिम भक्षण है। यह जीवन का, अंतिम लक्षण है॥ फिर क्यों कर, विश्वास झुठलाता है। फिर […]

आज बुराई पर हुई, सच्चाई की   जीत। रावण मारा राम  ने,बना विभीषण मीत॥ काम क्रोध मद मानिए,सब रावण के  रुप। लोभ मोह सब त्यागिए,जीवन बने  अनूप॥ अपने अंदर खोजिए,दशकंधर के  काम। एक-एक पहचान के,त्यागो ले प्रभु नाम॥ नैतिकता के नाम पर,करे अनैतिक कर्म। उसको रावण जानिए,यही आज का मर्म॥ दस […]

एक जन्म से विदा होकर मानव माँ की कोख में आता है, माँ की कोख छोड़ फिर दुनिया में कदम रखता है। फिर कहीं आगमन तो कहीं विदाई यही सिलसिला चलता रहता है, माँ का आंचल छोड़ दुनिया का सामना करना पड़ता है। पलक झपकते ही बालपन विदा होकर,किशोरावस्था से […]

मैं कौन हूँ ? इसी सवाल के जवाबों के बीच, मैं मौन हूँ। ‘अहम् ब्रह्मास्मि’, क्या मैं ब्रह्म हूँ ? या ब्रह्मांश हूँ या शून्य तले पड़ा हुआ शून्य हूँ ? आखिर मैं कौन हूँ ? इसी सवाल के जवाबों के बीच मैं मौन हूँll            […]

फूलों ने खुलकर खिलना छोड़ दिया, हमने भी कई दिनों से हँसना छोड़ दियाl  हैं तो कई सारे मित्र दुनिया में हमारे, पर हमने भी सबसे मिलना छोड़ दियाl  कहाँ तक याद करते रहें हम ही सबको, हमने भी अब यादों में जीना छोड़ दियाl  मतलब निकाला है सबने हमसे […]

ज़ख्म हम दिल के दिखाएँ तो दिखाएँ कैसे, हो गई है जो ख़ता उसको बताएं  कैसेl  रोज़ नफ़रत की दीवारें है उठाता ये जग, दिल को फ़ित्नों से बचाएँ तो बचाएँ कैसेl  मुफ़लिसी देख मेरी जिसने भुलाया मुझको, ऐसे इंसां को वफ़ादार बताएँ कैसेl  दिल से जो इश्क-मुहब्बत को दिखावा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।