देश के सामने एक नया सवाल आकर खडा हो गया। क्या किसानों को एक नया जुझारू नेता मिल गया। क्या किसानों को फिर अपनी जुबान मिल गई। यह बड़ा सवाल है। क्योंकि देश में किसानों की हिस्सेदारी कितनी है यह इस बात से समझा जा सकता है कि आज हम […]

गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मज़बूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित शक्तिशाली राष्ट्र भारत सन् 1950 में जब भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ, तब से ही संघर्ष की […]

समस्या में समाधान ढूढना मौकापरस्तों की फितरत होती है, चाहे मौका कुछ भी हो ऐसे लोग अपनी कुत्स‍ित महारत दिखाई देते है। बदस्तुर आज सारा विश्व कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, लोग बेमौत मारे जा रहे है, इस बीच कुछ सूझ नहीं रहा है। उसमें से एक उम्मीद की […]

पाकिस्तानी उर्दू अखबार जमींदार के सम्पादक मौलाना जफ़र अली खाँ ने एक बार किसी नौसिखिये शायर से आज़िज़ होकर उसे समझाते हुए कहा था- तोड़ता है शायरी की टांग क्यों ऐ बेहुनर, शेर कहने का सलीका सीख मेला राम से। सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में दीपोके गाँव में 26 जनवरी 1895 […]

ओड़िशा के कटक में 23 जनवरी 1897 को जन्मे, कटक और कलकत्ता में पले-बढ़े, पिता की इच्छापूर्ति के लिए मात्र 23 वर्ष की आयु में आईसीएस पास करने वाले किन्तु अंग्रेजों की चाकरी करने को तैयार न होने के कारण उससे त्यागपत्र देने वाले, आजादी के लिए लड़ते हुए ग्यारह […]

नील की खेती में कुछ गधे एक घोड़ी के साथ घुसकर खच्चरों की संख्या बढ़ाने की कोशिशों में फसल का सत्यानाश कर रहे थे। जिस सिपाही को वहाँ की देखभाल के लिए तैनात किया गया था उसे दफेदार के आदेश के बगैर अपनी मर्जी से कुछ करने पर मनाही थी। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।