प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक हिंदी और भारतीय भाषाओं की याद आई,यह जानकर मेरा हृदय प्रसन्नता से भर गया। हमारे महान वैज्ञानिक प्रो. सत्येंद्रनाथ बोस की १२५ वीं जन्म-गांठ पर बोलते हुए मोदी ने विज्ञान और स्वभाषा के संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए। ऐसे विचार मेरी याद में आज […]

कई खुशियां,कई बड़े दर्द, देकर विदा हुआ गया सालl नई खुशियां,नई उमंगें लेकर, आधी रात आया नया सालl जो दर्द मिला उसे भूल जाएं, जो खुशियां मिली वह याद रहेंl जो हमसे रूठे रहे सालों-साल, आओ उनको मनाकर ले आएंl तहेदिल से करें उनका सत्कार, करें प्रतिज्ञा माता-पिता सेवा कीl […]

तड़प रही हूँ आज भी, बयालीस साल पहले जो थी वही तड़प आज भी है। तब रो रही थी, गिड़गिड़ा रही थी हर जगह कभी मंदिर के द्वार कभी गिरजा,मस्जिद,गुरुद्वारा… और कभी एक से बढ़कर एक चिकित्सक के पास,पति के समक्ष सिर्फ एक बच्चा दें… मैं भी मुक्त रहूँ, बाँझ […]

तुम, अपनी उदास काली अंधेरी रातें मुझे दे दो। अपने सभी दुख दर्द आंसू अकेलापन उदासियां सब मुझे दे दो॥ सर्दी, गर्मी पतझड़ आंधी तूफ़ान भी मुझे दे दो। और, ले लो मेरे हिस्से की धूप बसंत हंसी खुशियां। इस नव वर्ष के उपलक्ष्य पर, मैं ले लेना चाहता हूँ। […]

इतना करो न प्यार मुझे, खोने का तमको डर लगता है। हो जाऊँगा फिर मैं तन्हां, दिल को ऐसा अक्सर लगता हैll एक अकेला आशिक़ ये दिल, ढूंढेगा तुझको फिर किन गलियों में। रह जाऊंगा फिर मैं तन्हां, तेरी ही यादों की गलियों मेंll इतना करो न प्यार मुझे, खोने […]

इंसानियत महके चमन में, ज़िंदादिली का त्राण हो स्वार्थपरता की मुफ़लिसी हो, भीरुता निष्प्राण हो ऐसी फ़िज़ा बने वतन की, चहुँओर हर्ष ही हर्ष हो। है प्रभु!! मेरे सपनों का, ऐसा भारत वर्ष हो॥ उन्माद की उल्टी फ़िज़ाएं, स्थायित्व न ले सकें रूढ़ि की काली घटाएं पुनः न फिर घिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।