बड़ा नाजुक है दिल उससे भी नाजुक इसे समझाना है इश्क में रुसवाई मिले या दर्द ए किस्सा पुराना है कत्ल कर के नज़रों से अदा जिसका चैन चुराना है बड़ी कातिल जिसकी आदायेँ दिल कमबख्त उसी का दिवाना है आँखें जिसके मैखाने से भी गहरी बड़ा मुश्किल उसके पाड़ […]
जहां में सबको देख-देख कर, मैं भी सीख गया बात बनाना, रिश्ते-रास्तों की समानता देख, मैं भी सीख गया रिश्ते निभाना। आंखों के काजल को चुराकर, मैं भी सीख गया आँख चुराना, अपने को ही बेगाना बनाकर, सीखा गैरों को अपना बनाना। सभी मालिक!मैं हूँ एक गुलाम, अपने आदरणीय मालिकों […]
बहुत दिनो बाद रामु शहर से गाँव वापस आ रहा था l तीन-चार दिन के य़ात्रा के बाद गाँव पहुंचा। गाँव में सब कुछ बदला-बदला सा नज़र आ रहा था ,बस अड्डा, मकान सब कुछ पक्के बन गये थे। मानो सब कुछ पराया सा लग […]
शफ़क़ में सफ़ेद …. समंदर नमक का चमचमाते पुखराज के टुकड़ों-सा, लोगों का हुज़ूम फिर भी जाने क्यों,तन्हा छोटे-छोटे गड्ढों पर पड़ा पानी लगते उसके आँसू क्या लोगों के पैरों तले रौंदे जाने का दर्द ? या अकेलापन,उपेक्षा कोई खोदता,मुट्ठी में भरता उछालता,चखता फेंककर चला जाता खोदे जाने का ज़ख्म […]
वक़्त की हथेली से कहाँ कुछ छुप पाया है…, कह रही है हाथ की रेखा सब-कुछ एक माया है…l दुनिया की इस भीड़ में कहाँ निकल आए हम…, अपनों को पराया करके ढूंढते हैं साए हम…l माँ कहा करती थी बेटा मेरा खरा सोना है…, क्या भरोसे की बात करुं,उसे […]
दर्द वो किसको सुनाए, यातनाएं सह रही थी भावनाएं दह रही थी, कौरवों के मध्य नारी चीख करके कह रही थी, क्यों नहीं आए कन्हैयाl क्यों नहीं आए कन्हैयाll कष्ट में तड़पा बदन जब, शोर में डूबा सदन जब नुच रहा था वक्ष मेरा, मौन था हर पक्ष मेरा रक्त […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।