भाँपकर उसके ईरादे को हवा का रूख बदलते देखा देशहित करने वालो को तूफानों में भी लड़ते देखा। चंद मिनटो में ही उस्ताद समझने की भूल मत करना ये शेरों की वस्ती है गीदरो को अपने पास रखना। कश्मीर कश्मीर करता है उसे हिन्द की मुकुट समझना उन्माद की फैक्ट्री […]

तीन रंगो का तिरंगा प्यारा तीन अंगो की सेना है हवा में दिख रहा परचम हमारा जल थल अभी बाकी है। हर घर में वीर है यहाँ हर जिस्म में दौडता लहू जिनको प्राणो से देश प्यारा है रग रग में बसा कश्मीर प्यारा है। आजाद भारत की कहानी वीरो […]

पुलवामा का बदला लिया आतंकी को नष्ट किया बच के रहना आतंकिस्तान हाय,वीरो को सलाम। सेना के शौर्य को देश ने अभिनंदन किया एक वार में सैकडो आतंकी को ढेर किया बच के रहना आतंकिस्तान हाय, वीरो को सलाम। थल में ना जल मे मारा अबकी बार हवाई से हमला […]

तिरंगा आन में रहता तिरंगा शान है रखता तिरंगा ही तो हमें जिन्दाबाद है रखता। वतन परस्ती की वचन परस्ती की शपथ परस्ती की तिरंगा दिल में पहचान है रखता। गद्दारो को सबक देश भक्तो की कदर शान से ये तो दिमाग है रखता हर वतन परस्त का तिरंगा ख्याल […]

उबलता हुआ घुआँ में जैसे लहर आयी हो बूँद-बूँद को तड़पेगा दृढ इच्छा शक्ति के सहारे तेरे फैसले होने लगे वायदे के सहारे। सदियों से हमारा पानी पीकर आँख हमें दिखलाता रहा हमें जख्मों पर जख्म देता रहा वर्षो से आँख मूँदकर हमारी सरकारे सोती रही। आबाद रहे सरकार हमारी […]

धरती रोया अम्बर रोया वीर सैनिकों की शहादत पर टूट चुका धैर्य और विश्वास चहुँ ओर उमड़ रहा सैलाव धन्य है वीरो की माताएँ जो पुनः पोतो को दे रही आर्शीबाद पाक तेरा जल्द होगा सर्वनाश। जन जन की आकांक्षा अंगार बनकर फूट रहा अश्रुधारा से बच्चों को बना रहा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।