जय-जय हो भारत राष्ट्र की, जय-जय हो हिंदुस्तान की। जय  जवान-जय किसान, जय-जय हो विज्ञान  की॥ स्वागत-वंदन-अभिनंदन है, जयकार हमारे गणराज की। हर्षित है जन-मन चहुँओर, गणतंत्र शान है हिंदुस्तान की॥ जय हो छब्बीस जनवरी की, जय हो राष्ट्रीय पर्व के गर्व की। तिरंगे की खातिर लगा दे जहां, सपूत […]

तुम्हें भी हो गई नफ़रत,छुपाओ मत बहानों में, मेरा भी दिल नहीं लगता है,अब ऊँचे मक़ानों में। तुम्हारा साथ जब तक था,ग़रीबी में भी हँसते थे, जुदा होकर ख़ुशी मिलती नहीं हमको ख़ज़ानों में। तुम्हारे दूर जाने से मज़ा आता नहीं हमको, दीवाली के पटाख़ों में,मिठाई में,मखानों में। तुम्हारा ईद […]

अंतर के तिमिर मिटा दो माता। ज्ञान की नवज्योति जला दो माँ॥ सदबुद्धि दे सबको माँ तू शारदे। भवसागर से हम सबको तार दे॥ निर्मल मन में आकर माता तू। हम सबके सोए भाग जगा दे॥ गीत के नव शब्द देकर माँ हमें। नव सृजन की लेखनी थमा दे॥ संगीत […]

तुम अतुलनीय हो, गूढ़ अर्थगर्भित भरा तुममें अकथ्य बन चुके अब तो, तभी मैं नहीं समझ पाई। तुम अनुपम हो, सदा अपठ्य रहे मेरे लिए मैं शब्दों में वर्णन नहीं कर सकती। तुम असीम हो, तुम आओगे वापस मैं अब अप्रत्याशित हो चुकी हूँ। तुम अनासक्त हो, अंतर्यामी हो मेरे […]

चूहों  में  कोहराम  मच   गया। एक बिल्ली को चूहा जंच गया॥ बिल्ली ने भेजा प्रस्ताव। चूहे राजा कर लो ब्याव॥ चूहे  ने  एक  सभा  बुलाई। पूछा-बिल्ली से करुं सगाई ? चूहे बोले-तुम करो बहाना। उस आफत को घर ना लाना॥ या तुम बन जाओ घर जमाई। इसमें ही हम सबकी […]

विरह हृदय पर नयन पसारो॥ श्यामल अंबर वृंदावन है,आओ कुंज  विहारो। कंचन तन अरु मन मधुवन है,आकर  मोहिं निहारो। सकल जगत निष्प्राण हुआ ज्यों,उर जड़ता को हारो। राधा हूँ,पिय अंतर्मन की,इव दुख बोझ उतारो। मधुर मिलन को मैं हूँ प्यासी,अब तो आप पधारो॥     #श्रीमन्नारायणाचार्य ‘विराट’ Post Views: 269

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।