मुंबई | `बिक्री बढ़ाने के लिए बिस्लेरी ने भारतीय भाषाओं को अपनाया। पता नहीं,दूसरी कंपनियों को यह समझ में आया कि नहीं आया`ll बिस्लेरी कंपनी की इस समझ और ग्राहक के सम्मान के लिए उन्हें धन्यवाद तो दिया जाना चाहिएl उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत करवाएँ। विपणन(मार्केटिंग) के लिए भारतीय […]
शोषण,तापन,द्रवण ये,सम्मोहन,उन्माद। पञ्च बाण से चोट कर,सुने नहीं फरियाद। सुने नहीं फरियाद,सखा ऋतुराज मिल गया हँसता खड़ा अशोक,नवल सहकार खिल गया मुस्काता राजीव,मल्लिका करती पोषण। सौरभ से मिल जूही,कर रही है उर-शोषण। आली! वृन्दावन चलें,जहाँ बसें रसराज। पीछे-पीछे आएगा,बौराया ऋतुराज॥ बौराया ऋतुराज,कली रसवन्ती होगी मोहन की मुरलिया,आज गुणवंती होगी […]