भारत भूमि में जन्मे हम,हुए हैं एक से एक महान। सुभाष शिवा भगतसिंह बोलो,जय-जय हिन्दुस्तानll विष्णु प्रकटे हैं यहाँ,हुआ वराह नृसिंह वामन अवतार।                                              राम-कृष्ण की जन्मभूमि ये,पुण्य से […]

ऐ वक्त तुझसे थोड़ा वक्त चाहता हूँ। खुद गुमशुदा हूँ अपनी शिनाख्त चाहता हूँ॥ दिल की वजह से मैंने झेले हैं रंज कितने। दिल को करना अब मैं सख्त चाहता हूँ॥ बस जिन्दगी तुझको जीना चाहता हूँ। न ताज चाहता हूँ न तख्त चाहता हूँ॥ जिन्दगी में जीत इतनी भी […]

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  जनता की अभिलाषा का सम्मान तू। देश में सबसे ऊपर है संविधान तू॥ भारत की छवि तुझमे हमको दिखती है। देश को तुझसे ही गरिमा मिलती है॥ जय हो तेरी भारत का अभिमान तू। देश में सबसे ऊपर है…॥ गणतन्त्र बनाकर तूने जो उपकार किया। सब जन को कर्तव्य […]

कदम तेरे जरा भी काँपे नहीं, कैसे तुमने यह कदम उठाया। पापा के प्यार में क्या कमी थी, जो तुम बाबुल को छोड़ चली॥ माँ के विश्वास को तोड़कर, कैसे तुमने यह कदम उठाया। आशिक के प्यार की खातिर, माँ का आंचल ही छोड़ चली॥ कोई तेरी छोटी-सी खुशी के […]

सैंकड़ों कुर्बानिंयों का तोहफा देशभक्ति है, इसमें बहता रक्त किसी जाति मज़हब का नहीं, जज्बा-ए-जुनून का है। नहीं थी किसी में लड़ाई हिंदू-मुस्लिम की, भूखा भगत था तो रोटी बिस्मिल के गले भी नहीं उतरी थी। वंदे मातरम् इंकलाब का नारा सबने एक स्वर में लगाया था, सरफरोशी की हर […]

गोरे-गोरे गाल में,काले-काले बाल में, मदमाती चाल में आ गया बसंत है। चंचल से नैन में,मादक से बेन में, गदराई देह में आ गया बसंत है। प्रेम के संदेश में साजन के देश में, नए परिवेश में आ गया बसंत है। अँगना मा खड़ी गोरी ईलू-ईलू बोल रही, उसके लबों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।