कुछ ऐसा संघर्ष भरा जीवन मिला उसको भाई। प्रयास करे कितने भी पर उसने कभी मंजिल ना पाई।। प्यास लगी है बहुत और उसके हर तरफ पानी है भाई। पर कभी खारे समंदर ने कहां किसी की प्यास बुझाई।। डरे सहमे पंछी ने हिम्मत कर जब अपने पंखों को खोला। […]

अल्फाजो का अपना मोल अनोखा है,  पन्नो पर है बिन बोले,पर इनका बिन  बोले भी दूसरे पर प्रहार करने का सच में अंदाज अनोखा है।  अल्फाज जो कुछ समझाना चाहते है किसी को,इनका उन्हें खुद को समझाने का अंदाज अनोखा है,बिन बोले ये नस्तर सा चुभे लोगो को,सचमुच इनका अंदाज […]

कभी शौर सा था उस खिड़की पर, जहाँ आज सन्नाटा सा पसरा है । वो अलमारी आज मौन सी खड़ी है , जिनमे कभी बड़ी बहन और बड़े भाई की किताबो से रोज मेरी किताबो की उन्हें जगह ना देने की लड़ाई सी रहती थी। वो दोस्त भी भी अब […]

नवरात्रि का आया प्यार पावन त्यौहार, आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार, माँ दुर्गे को चौथे दिन जिस रूप पूजा जाता है, वो रूप माँ का कुष्मांडा कहलाता है, सुंदर रूप शुशोभित इनकी सुंदर है मुस्कान, जब सृष्टि नही थी और हर और अंधेरा छाया था, तब अंड […]

नवरात्रि का आया प्यारा पावन त्यौहार, आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार, माँ दुर्गे को जिस तीसरे  रूप पूजा जाता है, वो रूप माँ का चंद्रघंटा कहलाता है, माँ चंद्रघंटा का नाम ही है अपने आप मे विशेष, चंद्र शब्द का अर्थ है अपने मन के घटते बढ़ते […]

नवरात्रि का आया प्यारा पावन त्यौहार, आओ पूजे माँ के नो रूपो को बारंबार, माँ दुर्गे को जिस द्वितीय रूप पूजा जाता है, वो रूप माँ का ब्रह्मचारिणी कहलाता है, सर्वव्याप्त है,सर्वश्रेष्ठ है,ना आदि और ना अंत है, माता रानी को कोई भी किसी सीमा में बांध ना पाया, इसलिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।