राजयोग से आत्मा को रिचार्ज कीजिए आत्मा पर चढ़े मैल को तनिक धो लीजिए मूल धर्म पवित्रता का यूँ ही न गंवाईये विकार की कालिख पुती तो उसे हटाइये परमात्म याद से हो सकती है आत्मा की धुलाई बस पुरुषार्थ का थोड़ा साबुन तो लगाइये फिर देखिए चमक उठेगी चेहरे […]

शांत धरा के सीने में धधकते हुए कई ज़ख्म हैं पर क्यूँ इसकी हालत से आज बेखबर से हम हैं हवा जहरीली पानी दूषित हर तरफ फैला है प्रदूषण मानव के स्वार्थ के कारण प्रकृति का ह्रास हो रहा भीषण कब तक सहती रहेगी प्रकृति इसका क्रुद्ध होना  तो तय […]

भीड़ से निकल कर किसी से मैंने पूछा , कहाँ जा रहें है हम ? उसने कहा, पूछ कर बताता हूँ, मुझको भी नहीं पता, हम कहाँ जाते हैं? मैंने दूसरे से पूछा , आखिर हमारी मंजिल कहाँ है? उसने कहा, मुझको भी नहीं पता, मंजिल अपना, पूछ कर बताता […]

तू है मेरा सनम, मुझे लागी लगन, बस इश्क है तुझसे तुझसे सनम। इसकी मुझको खबर, पर लगता है डर, दूर हो न जाए ,मुझसे मुझसे सनम  । बेताबियाँ दिल की बे खौफ करने लगी, अब दूरियाँ दिल को खटकने लगी। यही मेरा है हाल ,पर बताऊँ किसे, तूने भी […]

रात की बाहों में,मेरे हिस्से की क्यूँ नींद नही। फलक के तारों में  जलती कोई उम्मीद नही।। मैं रात काट रही हूँ कि मौन है तो मेरे साथ, फिर भी खामोशी की दुनिया हुई रंगीन नही।। है एक नाम जहां में जो नही देता सुकूँ मुझको, उसकी चाहत का सफर […]

आओ ! पौधे लगाएं अपनी धरा को सुंदर बनाएं वातावरण को स्वच्छ बनाएं आओ मिलकर पौधे लगाएं घर-आंगन में जूही, बेला, गुलाब, चम्पा और चमेली लगाएं अपने आस-पड़ौस में पौधे लगाएं नीम, बरगद और पीपल लगाएं पलाश, अमलतास और गुलमोहर से गांव-शहर को ख़ूब सजाएं आओ हम सब मिलकर पौधे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।