होती तो हैं हम सब में – कई तरह की क्षमताएं मगर सुप्त हो जाती हैं , अक्सर ये – उपयुक्त माहौल के अभाव में नहीं होता है जिसका हमको भान क्योंकि – चाहिए होता है इन्हें भी कोई न कोई उत्प्रेरक , जो – निखार सके हमारी इन सुप्त […]

विश्व योग दिवस विशेष………………………….. शरीर  और   मन   को एकाकार  करता  योग । तनाव से राहत दिलाता मन शांत करता है योग ।। असाध्य रोगों का उपचार हर संभव  करता  है योग । शरीर  और  मस्तिष्क  मे नव ऊर्जा भरता  है  योग ।। मानव   को  निरोग  रहने का पाठ सिखलाता है […]

जितना जी चाहे ,तुम खूब मेरा इम्तहान लेना ज़िंदगी, पहले तुम मुझे जीने का सामान देना मैं छोड़ सकूँ अपने निशाँ मंज़िल के सीने पे मेरी राहों में थोड़ी हँसी, थोड़ी मुस्कान देना न चुप हो जाऊँ कभी भी किसी सितमसाई पे गर मुँह दिया है  तो जरूर सच्ची ज़ुबान देना ज़माने […]

टूटा  हूं  आज हालातों से, मगर  झुका  नहीं  हूं  मैं । थका  हूं उलट हवाओं से, मगर   रुका  नहीं  हूं  मैं । माना  कश्ती  मेरी टूटी है, और दूर बहुत किनारा है। किस्मत  भी मेरी रूठी है, नहीं कोई और सहारा है । बढ़ा  जा  रहा हूं मौजों पे, […]

हरियाणा | हरियाणा की राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था अर्णव कलश एसोसिएशन के तत्वधान में आयोजित ऑनलाइन सप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता 19 जून को चैनपुर सिवान बिहार के युवा कवि को उनकी काव्य श्रेष्ठता के आधार पर संस्था के संयोजक नवल पाल प्रभाकर जी ने पूरे भारत के 46 कवियों को हिंदी साहित्य […]

कभी भूलो नही अतीत अपना कभी भूलो नही देखा सपना मन की आरजू भी पूरी होगी याद रहे बस परमात्म अपना ऊंचाइयों को छूकर भी जो जमीन अपनी नही छोड़ते उनकी तरक्की मे है दुआएं  माँ की झट से पूरा हो जाता देखा सपना मंजिल मिलने पर न आये घमण्ड […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।