सारा जग कर रहा जिन्हें याद, ऐसे थे हमारे चंद्रशेखर आजाद। सर पर बांधकर क्रांतिकारी ताज, आजादी के लिए किया आगाज। अंग्रेजों को देख ताव देती थी मूंछ, याद दिलाया इनको छठी का दूध। क्रांतिकारी जयघोष करती बंदूक, देश को ही माना इन्होंने सबकुछ। कुटिल चालों से देश हो रहा […]
gopal
माँ के आंचल में लेकर किलकारी, बोलना सीखते अपनी मातृभाषा। जिसमें बुने जाते हैं मीठे-मीठे रिश्ते, पाकर जिसे पूरी हो हर अभिलाषा। बरगद-सी,अमराई-सी है मातृभाषा, फैली है हमारे अंदर इसकी आभा। समाज,परिवार,देश की मजबूती, गठबंधन बनाए रखती है मातृभाषा। बहुत दुखती है,हिन्दी की अंतरात्मा, जब हम शान से बोलते अंग्रेजी […]