रामकृष्ण की जन्मभूमि दिया कर्म का ज्ञान यहाँ सदियों से पृथ्वी का ये गौरान्वित धरा रहा त्याग तपस्या योग यहाँ सदा था स्वतंत्र धरा रौदानें को हमारी संस्कृति आते रहे अनेक लुटेरे सदा और जकड़ा छल से शासन किया सालोंसाल पिंजड़े में कैद मनुष्यता छटपटाहट पोर पोर बसी कहाँ रुकी […]