(विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष) चलो बचाएं पर्यावरण, आओं करें पौधारोपण। बढ़ रही है ओजोेन गैस, इसलिए करें पौधारोपण॥ चलो बचाएं  पर्यावरण, फैला  चहुंओर  प्रदूषण। फैल  रही  हैं बीमारियां, भू का करें हम संरक्षण॥ बनाएं  ऐसा वातावरण, महकाएं हम पर्यावरण। हो घर-आंगन पेड़-पौधे, हो इसका सौन्दर्यीकरण॥ मानव का मित्र पर्यावरण, […]

चलि दिए विराट विश्व,लै कें फुरकैंया; ध्यान रह्यौ निज सृष्टा, नैनन लखि पैयाँ। पैंजनियाँ बजति रहीं, देखत है मात रही; प्रकृति ललचात रही, झाँकन रुचि आत रही। सँभलावत गात चलत, मोहन मन कछु सोचत; अँखियन ते जग निरखत, पगडंडिन वे धावत। पीले से वस्त्र पहन,गावत तुतलात रहत; दौड़त कबहू ठहरत, […]

बिना पहचान-पत्र न जाने, यंत्र उँगली को कहाँ पहचाने; तंत्र से जुड़ा हुआ जब जाने, तभी दरवाज़ा खोलना जाने। करना पंजीकरण प्रायः होता, लेना चिप वाला कार्ड भी होता; उसी से पात्र संस्था जुड़ता, सभी सुविधाएँ भोग कर पाता । तंत्र सब विश्व-तंत्र विच होते, यंत्र पर उनके अलहदा होते; […]

(आज मातृ दिवस के अवसर पर विशेष ) किससे सुनूँ माँ,आज फिर वो लोरी, कैसा था चंदा मामा कैसी थी चकोरी। तेरी याद में माँ आज आंख भर आई, पिला दो मुझको माँ वो नेह की कटोरी।। वो धनिए की चटनी,चूल्हे की रोटी, कहती थी इससे स्वस्थ रहती किडनी। बड़े […]

(मधुगीति १७०४१५ अ) कोई मिल पल में चल देता, कोई कुछ वर्ष संग देता; जाना सबको ही है होता, मिलन संस्कार वश होता। विदा क्षण-क्षण दिए चलना, अलविदा कभी कह देना; यही कर्त्तव्य रह जाता, मुस्करा भाव भव देना। चले सब जाते अपनी धुन, झाँकते चलते दे चितवन; नज़र में […]

सुकमा में सैनिकों पर हुए हमले, से आहत हुई है आज भारत माँ। मौत से खेलने वाले ऐसे दरिंदों, का करो जवानों अब तुम खात्मा।। सैनिकों की शहादत पर तब, होगी हमारी सच्ची श्रध्दांजलि। काट लाएंगे उनके भी सिर हम, तब होगी माँ भारती को तसल्ली।। कोई पत्थर मारे तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।