.                ध्रुवकवि,कवि कुल भूषण, देश हितों  में वह युग पुरुष, तब आना बहुत जरूरी था, वह महानायक विश्व पटल, दैव हितों में वह महा पुरुष, फिर जाना और जरूरी था। हे जन नायक  राष्ट्रपूत प्रिय, इस पावन भारतभू आँचल। कोटि  कोटि जन  मन  हित, जैसे अडिग  महा हिमाचल। राष्ट्र एकता  […]

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी… एक ऐसा नाम जिसने भारतीय राजनीति को अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से इस तरह प्रभावित किया जिसकी मिसाल नहीं मिलती। 1975 में मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय का छात्र था। उसी दौरान उनका आगमन विद्यालय के प्रांगण में हुआ था। अपने प्रिय नेता को […]

चीख रही है धरती आज तड़प रहा है अंबर। अश्रु बहाती गंगा अपनी अस्थिर है दिगंबर (ब्रह्मांड)। छोड़ गया है आज हमें वह देख जिसे था सीखा जीना। सीखा गया है आज हमें वह शंकर बन हलाहल पीना। सूनी संसद भरती आंहें भारत माता पड़ी है मौन। त्राहि त्राहि पूछ […]

जयजयजयजयअटलबिहारी । राजनीति भी तुमसे  हारी।। पच्चीस दिस सनचौबिसआई। अटल बिहारी जन्में भाई।। कृष्ण बिहारी पिता तुम्हारे। जो शिक्षक थे सबसे न्यारे।। कविता साहित्य खूब रचाये। दीन दुखिन  को लगे लगाये।। भाषण व्यंग्य कविता गाई। हिन्दी भाषा मुकुट बनाई।। राष्ट्रसंघ  में  भाषण  दीना। सारे जग ने हिन्दी चीह्ना।। सन सत्तावन […]

(माननीय अटल जी को शब्दांजलि) अनन्त यात्रा पर हो अटल मैं निकला । विदा हो प्रियजन से देश धरती और गगन से । न भूल सकूँ , न तुम भुला देना यह जीवन पथ तो है बस देना लेना । कुछ शब्द दिए और प्यार ले लिया । साथ यही […]

तेरी याद हर पल रुलाती है माँ । मुझे तूँ बहुत याद आती है माँ । बहुत ही मैं बेचैन रहता हूँ तब तो , कहीं दूर मुझसे जो जाती है माँ । सुबह साथ में चाय की प्यालियों के , सदा प्रेम दर्शन कराती है माँ । दुआ तेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।