नागफनी के पेड़ उगे केशर की परिपाटी में, आंतकियों  का  रौब देखो अपनी माटी में। अमरनाथ यात्रियों पर हमला कर दिया घाटी में, छप्पन इंच का सीना क्यों  मौन  है घाटी में॥ कौन-सा धर्म-मजहब है आंतकवादी में, जो आग लगा रहे मेरे गुलशन की वादी में। सुख-चैन हो गए बेचैन […]

माता-पिता है प्रथम गुरु, जिनसे होता  जीवन शुरू। ज्ञान,ध्यान की साधना से, जीवन को संवारते हैं गुरु॥ ज्ञान-कौशल को तराशकर, शिखर पर पहुँचाते हैं गुरु। सदा सही राह पर चलना, सिखलाते हैं धरा पर गुरु॥ पूर्णिमा के चांद की तरह, शीतलता बिखेरते हैं गुरु। चलेगा जनजीवन सुचारु, पूजेंगें जब हम […]

कुछ भ्रान्तियाँ औ क्रान्तियाँ,ले जा रहीं भव दरमियाँ; भ्रम की मिटाती खाइयाँ,श्रम कर दिखातीं कान्तियाँ। हर किरण ज्योतित भुवन कर,है हटाती परछाइयाँ; तम की तहों को तर्ज़ दे,तृण को दिए ऊँचाइयाँ। छिप कर अणु ऊर्जित रहा,पहचाना ना हर से गया; हर वनस्पति औषधि रही,जानी कहाँ पर वह गई ! हर […]

कोई खाता माता-पिता की सौगंध, कोई खाता बाल-बच्चों की सौगंध। कोई खाता ईश्वर-अल्लाह की सौगंध, कोई खाता गीता-कुरान की सौगंध॥ कोई खाता गंगा-अबे जम की सौगंध, सौगंध  खाकर बन  जाते  हैं  संबंध। कोई सच बोलता है ,तो  कोई झूठ, किसी का जीवन बचा  लेती सौगंध॥ लो  अब  भारत  माता  की […]

दर्द से ऊपर निकलना चाहिए ; छिपा जो आनन्द लखना चाहिए। झाँकना सृष्टि में सूक्ष्म चाहिए; चितेरे बन चित्त से तक जाइए। सोचना क्यों हमको इतना चाहिए; हो रहा जो उसको उनका जानिए। समर्पण कर बस उसे चख जाइए; प्रकाशों की झलक फिर पा जाइए। मिला मन को इष्ट के […]

काश ऐसी बरसात आए, जिसमें अहम डूब जाएं। नफरत की जमीं काई पर, भाईचारे के फूल खिल जाएं॥ काश ऐसी बरसात अब  आए, बगावत के पत्थर पिघल जाएं। घर-घर सुख-शांति, खुशियां हों ‘मैं’ अब  ‘हम’ में बदल जाएं॥                         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।