दुखी कोई न रहे, ऐसी रखिए कामनाl नहीं होगा तुम्हारा, विपत्तियों से सामनाl परहित चाहने वाले, सदा फायदे में रहतेl कष्ट कभी न हो उन्हें, सदा सुखी वे रहतेl मन भी उनका सदा प्रफुल्लित रहता, गैरों को गले लगाकर आत्मसुख वह पाताl दुर्गुण उनके पास न आएं, परमात्म ज्ञान वह […]

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस विशेष  देश का ह्रदय स्थल, मध्यप्रदेश।  हर धर्म-जाति का यहां समावेश॥ शत्रु भी डरते हैं,करने से प्रवेश। ऊँकार जी,महाकाल हैं नरेश॥ प्राकृतिक सौंदर्य,सुंदर परिवेश। दर्शनीय स्थलों का गढ़ मध्यप्रदेश॥ पंचमढ़ी,खजुराहो,बावनगजा विशेष। उज्जैन,इंदौर प्रसिद्ध है देश-विदेश॥ मांडू,बाग गुफा का सुंदरतम परिवेश। भेड़ाघाट,गोम्मटगिरि चर्चित देश-विदेश॥ तानसेन की स्वर लहरी,लता […]

जल बिन जीवन कल्पना करना है बेकार, मछली प्राण है जल में मानव तन जल आधारl संवेदनाओं का सूचक है अश्रु जल की धार, दुनिया से जब हो विदा बनता गंगाजल मोक्ष द्वारl पंचतत्व में गिनती होती तन शुद्धि का जल आधार, जल ही जीवन कहलाता है प्रकृति का अनुपम […]

शरद ऋतु के आगमन का, आओ मिलकर स्वागत करेंl मौसम में पैदा हो रही ठंडक का, दीप जलाकर अभिनन्दन करेंl दीपोत्सव मनाने से पहले, घर की सफाई जरूरी हैl घर की सफाई से भी पहले, आत्मा पर जमी मैल को ईश्वरीय याद से हटाना जरूरी हैl मैल हटते ही प्रकाशमान […]

`ओम शांति` उदबोधन से करिए दिन की शुरुआत, यह मन्त्र है बहुत ही अदभुत बताए आत्म स्वरूप की बातl  शांत रहना स्वभाव है आत्मा का फिर क्यों मन होता अशांत, मूल स्वभाव में रहे आत्मा कर लो इसका ठोस उपायl  व्यर्थ के चिंतन से कर लो तौबा प्रभु में लो […]

काट औ छाँट जो रही जग में, दाग बेदाग़ जो रहे मग में; बढ़ा सौन्दर्य वे रहे प्रकृति, रचे ब्रह्माण्ड गति औ व्याप्ति। कष्ट पत्ती सही तो रंग बदली, लालिमा ले के लगी वह गहमी; गही महिमा ललाट लौ लहकी, किसी ने माधुरी वहाँ देखी। सेब जो जंगलों में सेवा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।