रावण नहीं राम बनिए, चरित्र के धनी बनिए। मधुर व्यवहार हमेशा करिए, विकारों से मुक्त रहिए। मर्यादा को धारण करिए, सदैव अच्छा आचरण करिए। सदा दूसरों का दुख हरिए, खुश रहिए,खुश करिए। राजयोग का पालन करिए, मनुष्य से देवता बनिए। जीवन अपना सफल करिए॥             […]

किसी को अपशब्द न कहें, न हो किसी का अपमानl मन में भी बुरा न सोचो, करो सबका सम्मानl व्यवहार हमारा प्रतिबिम्ब है, हमारे व्यक्तित्व का आईनाl मधुर व्यवहार से मिल जाती, गैर के हाथों भी पालनाl गैर को अपना बनाने का, यही तो है महामन्त्रl है सभी परमात्म सन्तान, […]

बड़े-बुजुर्ग घर की रौनक है, एक रक्षा कवच,एक दौलत हैl अनुभव का हैं वे खजाना, बहुत खलता है उनका जानाl जीते-जी उन्हें अपना बना लो, सिर-आंखों पर उन्हें बिठा लोl खराब नक्षत्र भी सुधर जाएंगे, बिगड़े सब काम बन जाएंगेl बुजुर्गों की दुआओं का फल मिलता है, घर का कोना-कोना […]

कृतज्ञता ज्ञापित करें सदा परमात्मा के नाम, जिसने हमें जीवन दिया वह परमात्म सदा महान। पैदा होते ही मिल गई माँ परमात्म रूप मिलता जहां, सांस लेने को मुफ़्त हवा पीने को मिलता मुफ़्त पानी। प्रकृति रूप में मिली सौगात प्रभु तेरी अदभुत कहानी। फल दिए,फूल दिए और दिया अन्न […]

जगत पिता है एक ही सबके, ओम,अल्लाह या ओमेनl खून का रंग भी एक सबका, भारत,अमेरिका या ब्रिटेनl नवजात रुदन एक है सबका, भाषा-शैली,पहनावा,अनेकl मैं रूपी है सबमें ज्योति बिन्दु एक, नूर-ए-इलाही,लाईट ऑफ गॉडl एक ही है परम ज्योति परमात्मा, जन्म-मरण की गति एक हीl सबका पिता है एक परमात्मा, […]

जन्म से लेकर युवा होने तक, पालना होती बच्चों कीl खुद गीले में,बच्चे सूखे, माँ सुलाती बच्चों कीl छींक भी आए दुलारे को, माँ घबराती बच्चों कीl उसके बच्चे खुशहाल रहें, माँ दुआएं करती बच्चों कीl पर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, पैरों पर अपने खड़े हो जाते हैं… […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।