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(म.प्र.शासन की शाला सिद्धि योजना पर केन्द्रित) उत्कृष्ट विकास योजना हो शैक्षिक नवाचार भरपूर हो। जिससे सीखें सभी बच्चे, हमारी शाला ऐसी हो॥ आकर्षक शाला परिसर हो, भयमुक्त वातावरण हो। बच्चों संग रिश्ते ऐसे बुनें, कि आनंदमय हर पल हो॥ साफ-स्वच्छ परिवेश हो, सबसे अलग गणवेश हो। ऐसा पढ़ने का […]

संघर्ष सतत करते जाना, कभी न तुम थक जानाl जीवन के लक्ष्य पर तुम, निरन्तर आगे बढ़ते जानाl परमात्मा को साथी बना लो, पथ का उसे सारथी बना लोl राह आसान करते जाना, सफलताओं को पाते जानाl मंजिल बिल्कुल दूर नहीं है, कठिनाई जरा भी नहीं हैl विकारों को छोड़ते […]

सुबह-सुबह चूहा, सेंक रहा था धूप। बिल्ली मौसी ओढ़, कर कंबल बैठी थी चुप॥ कुत्ता तान रहा था, अपनी टेढ़ी पूंछ। देखकर बिल्ली मौसी, ने लगाई दौड़ खूब॥ चूहे ने खैर मनाई जीभर के खाई गुपचुप। मौसी और कुत्ते के बैर से चूहा नाचा होकर खुश॥         […]

जिसने हमें जन्म दिया, उसका मानें हम उपकार। वह माँ धरा पर है न्यारी, उसे बार-बार करुं प्रणाम। माँ के रूप में देवी है वो, दुख घनेरे सहती है जो। सदा भला वह चाहने वाली, ममता की अदभुत मूरत है वो। मैं नवाजूं चरणों को उसके, चरणों मे उसके है […]

आज एक प्यारी-सी माँ मिली, देखते ही उसे मेरी बांछें खिली। लगा जैसे लौट आई हो वह, इस प्यारी-सी माँ के स्वरूप में। दरअसल माँ,माँ ही होती है, चाहे मेरी माँ हो या उसकी। माँ का कोई मजहब नहीं होता, न ही होती उसकी कोई जात। माँ का कोई रंग […]

नन्हीं आंखें,बहरे कान, ढूँढ रही अपनी पहचान। तन पर मैले-फटे कपड़े , धूप रोकता नहीं मचान॥ कहते महक रहा जहान, गरीबी,बेबसी से अंजान। पढने-लिखने से वंचित, कमाने चली नन्हीं जान॥ क्योंकि घर में नहीं धान, माँ बीमार,पिता बेजान। पढ़ने-लिखने से पहले, रखना है हमें इनका ध्यान॥         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।