नहीं लगा पाओगे इसका अनुमान कौन है जहान में कितना परेशान किसी के जीवन में है कितनी खुशी अंदाज़ा ना लगाना देख उसकी हँसी चाहत नहीं होती फिर भी चाहना पड़ता है ग़मों को छिपाकर मुस्कुराना पड़ता है बहते हैं उनके अश्रु भी जो सुख में जीवन जीते हैं दिखें […]

सावधानी हटी दुर्घटना घटी परिणाम भयावह एक मां का बेटा गया एक बहन का भाई परिवार का सहारा गया जीवन से उजाला गया काश!सावधानी बरतते हेलमेट पहनते बच जाती जान न होता नुकसान प्रभु नियति मे न पड़ता व्यवधान दुर्घटना से मौत पर रोक लगे हर कोई अपना जीवन पूरा […]

सोच बदलो गाँव बदलो अब चलो गाँव में। तभी हम गांवों को खुशाल बना पाएंगे। और नया हिंदुस्तान हम मिलकर बनाएंगे। और गांवों का इतिहास एक बार फिरसे दोहरायेंगे। गांवों की मिट्टी का कोई जवाब नहीं है। पैरो में लगती है तो चलने की शक्ति आती है। माथे पर लगाओं […]

उसका ना हो पाया तो अपना उसे बना लूँगा बिना लिए सात फेरे मोहब्बत निभा लूँगा संभव नहीं होगा मिलन मुश्किल होगा अगर दर्श करके अपनी आँखें बंद मैं कर लूँगा उसे स्पर्श छिन जायेगी आवाज़ मेरी खामोशियाँ उसे सुना दूँगा मैं उसकी मोहब्बत में खुद को भी भुला दूँगा […]

यह जीवन प्रभु की देन है करो इस जीवन की संभाल सड़क पर जब भी निकलो रखो ट्रैफिक नियमों का ख़्याल बाईक ड्राईव करते समय हेलमेट जरूर पहन लीजिए सड़क नियमो का पालन कर बचाइए बेगुनाहो की जान सड़क पर चलने की अगर आ गई आपको होश्यारी सड़क दुर्घटना से […]

आज गणेश चतुर्थी है संकट मोचन भगवान की, जो रक्षा करते हैं तुम्हारी और तुम्हारी संतान की। बनाओ इस दिन तिल गुड चावल से अच्छे पकवान जी, इनसे इनका भोग लगाओ जो खुश हो जाए भगवान जी। रखो व्रत इस दिन तुम और खैर मांगो संतान की, संकट मोचन नाम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।