आत्मचिंतन करते रहिए स्वयं को अच्छा बनाते रहिए बुराई कोई न रहे अपने में ऐसा प्रयास करते रहिए आत्मचिंतन से स्वयं को बदले प्रभु चिंतन से युग को बदले दोनो ही बदलाव करते रहिए स्वयं व युग को बदलते रहिए तरक्की का आधार यही है चिंतन का प्रकार यही है […]

मथुरा नरेश कंस को कभी न मिला सम्मान उनके भांजे कृष्ण को पूजता हर इंसान आतंक,हिसा,अहंकार से कंस हुआ बदनाम दिलो मे बसकर गोप गोपियो के कन्हैया बन गए महान विकर्म और सद्कर्म मे यही बड़ा है भेद विकर्म से कंस खलनायक बने सद्कर्म से कृष्ण अभेद परमार्थ का साथ […]

  मेरे  सर  पर बांध माँ कसकर पगडी । हाथ में दे -दे एक मजबूत   लकडी ।। मेरी संस्कृति की पहचान है पगडी । देश  की शान है सम्मान है पगडी ।। फैल  रहा आंतक कर  रहे  गडबडी । करुं  शत्रुओं  की मैं  पिटाई  तगडी ।। मेरी मूंछों पर […]

लोकहित करते चलो सबका हित सोचते  चलो जिसके भी काम आ सको निमित्त उसके बनते चलो निस्वार्थ भाव अपनाते चलो सबको अपना बनाते चलो सभी आपको चाहने लगे ऐसा विश्वास बढ़ाते चलो प्रभु को साथी बनाते चलो याद मे उसकी चलते चलो जीवन मंजिल मिल जायेगी कदम से कदम बढ़ाते […]

तन की सुंदरता क्षणिक है मन की सुंदरता अविराम तन को लेकर अहंकार कैसा फिसलती रेत ही जान जो आज है वह कल नही फिर तो यह तन भी नही आत्मा सदा ही रहती अमर तन तो वस्त्र है कितने ही बदल देहभान छोड़कर विदेही बनो परमात्मा के प्यारे बच्चे […]

किरदार निभाना अपना अपना आना अपना जाना अपना जीवन रूपी इस यात्रा मे सुख भी अपना दुख भी अपना जन्म लेते ही यात्रा चलती ठोकर लगती कभी आगे बढ़ती संस्कार मिले तो सुपथ बनता विकर्मो से भाग्य बिगड़ता सृष्टि रूपी इस रेलगाड़ी मे कभी कोई चढ़ता कभी उतरता सृष्टि -गाड़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।