तुम परम दिव्य प्रभु जी, तुमको है कोटि नमन तुम निराकार परमेश्वर, साकार भी बने स्वयम्॥ तेरा राम रूप अति सुन्दर, श्री कृष्ण रूप नहीं कम ? तेरा शिव रूप कल्याणक, रुद्र रूप है परम प्रचन्ड ॥ शारदा लक्ष्मी तुम रूद्राणि, तुम त्रिगुणा शक्ति अनन्त। तुम रुक्मिणी सीता  माता, तुम […]

कलुष-कलि-कलश पर, गीता यष्टी  प्रहारक  है। कर्म ज्ञान  और भक्ति, यह सबका विचारक है॥ सुरभि श्री कृष्णारविन्द की, अर्जुन -अलि का  प्यारा । जगत की  पापनाशिनी, परम सुरसरि की है  धारा॥                                       […]

जागता ही रहा चाँदनी के लिए, रातभर चाँद घन में छुपा ही रहा…। भावनारण्य में मन भरमता रहा, भाव जाने न कितने तिरोहित हुए। बादलों ने बदल आचरण निज दिए, और छद्मोन्मेषी पुरोहित हुए। दे गया भ्रम पुनः कर गया विभ्रमित, चित्त फिर भी न विचलित हुआ,सब सहा…….। आज अवकाश […]

आज अपना वतन ही बेगाना हुआ, हक़ की खातिर लड़े तो हर्जाना हुआ। नाक नीचे से मुजरिम गुज़र चल गया, घर निरपराध का ही निशाना हुआ। पाक सदियों से जो था सदन अब तलक, आज पाखंडियों का ठिकाना हुआ। मेरे व्रण पर लवण नित छिड़कते रहे, उफ़ ज़रा कर दिया […]

इत्तेफ़ाकी भरा आलम न रहे, मैं मैं ना रहूँ और तू  तू न रहे। इन्तज़ार मुझे फिर यूं न रहे, मैं मैं ना रहूँ फिर तू तू न रहे। मैं ख़ुद से तुझे…रिहा कर दूँगा, बहती हुई तुझे…हवा कर दूँगा। के हर कोई तुुझे…चाहेगा पाना, ऐसी ही हसीन…सज़ा कर दूँगा॥ […]

एक क्रूर राजा था। उसने राज्य में संगीत,कला और प्रेम करने पर प्रतिबंध लगा रखा था। उसके दरबार में एक युवा राजकवि था। सुंदर-सुंदर कविताएँ रचता था। राजकुमारी उसकी कविता,सादगी,सुंदरता व प्रतिभा पर मोहित थी। राजा को इसकी भनक लग गई। क्रोधित हो उसने राजकुमारी को महल में नजरबंद कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।