‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ मन के भाव, जब डालें प्रभाव.. सरिता हो जाए रस,छ्न्द,अलंकार से, सज्जित कविता हो जाए। सुर ताल से भरकर, जब बोल गुनगुनाए.. मधुर संगीत युक्त, प्रिय गीत बन जाए.. मन मीत बन जाए …।                         […]

टेसू खिले,कानन में, महुआ महके,वन में.. लो फिर से,फागुन आया, रंग लाया जीवन में। आम बौराया,फिर आने को, कोयल व्याकुल,है गाने को.. भ्रमर प्यासा,रस पाने को, बसंत इतराया,यौवन में। लो फिर से,फागुन आया, रंग लाया जीवन में।। महक उठे,सब बाग़, गूंज उठे,अब फ़ाग.. विरह बड़ी,है आग, अब चैन नहीं,नैनन में। […]

आज व्यंग्यकार बनने के लिए मन अधीर हुआ,तो हो गया शुरु..,सोचा होली का माहौल है तो होली पर ही लिखा जाए। सोचना शुरू किया तो पहला प्रश्न आँखों के आगे आया कि, होली का मतलब है क्या?बचपन में नानी की जुबानी याद आई  कहानी कि,’हिरण्यकश्यप की बहिन हती होलिका बाके […]

आओ दहन करें इस होली, ‘मैं’ का..अहम्,वहम का। रिश्ते नाते,फिर रंग डालें, यही सही समय,जीवन का। आओ दहन करें,इस होली, ‘मैं’ का..अहम, वहम का। डाह होड़ को,छोड़ करें, साधन ह्रदय,मिलन का। आओ दहन करें,इस होली, ‘मैं’ का..अहम, वहम का। लाल हरा,पीला सब ले लें, हर रंग हम जीवन का। आओ […]

मैं हूँ प्राणी बिल्कुल सीधा-साधा, न झूठी क़समें,न झूठा वादा। मेहनतकश,आम आदमी-सा मैं, काम-से-काम,न धोखे का इरादा। हमेशा सीधेपन पर,मुझे गया ठगा, पर मालिकों से,किया न कभी दगा। जिंदगी गुज़ारी साधारण-सी, पेट मेरा भरा रहा सदा आधा। अब मुझे बनाया चुनावी हथियार, जैसे बनता है हर बार आदमी सीधा। भूख,धर्म,जातिवाद के […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।