पौराणिक कथानुसार अयोध्या के प्रतापी राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी,इसलिए उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से संतान प्राप्ति का मार्ग  पुछा।ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें संतान प्राप्ति के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाने को कहा।अतः राजा दशरथ ने महर्षि ऋष्यस्रिंग को यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया। यज्ञ पूरा होने के […]

कर लो, कर लो बिनती कर लो थोडे वक्त में शकून भर लो बसंत में आस्था की सजी दरबार नवरात्र संग नववर्ष की उपहार कर लो, कर लो बिनती कर लो थोडे वक्त में शकून भर लो। धूप गुगूकल पूजा की थाल सजेगी मंत्र पाठ अब हवाओ में गूँजेंगी फल […]

हाय हाय ये मजदूरी जनता से नेता की दूरी है पल पल आस लगाये दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए कैसे कैसे हसी स्वप्न दिखाए हाय हाय ये मजदूरी जनता से नेता की दूरी। कितने इलेक्शन बीत गए फिर भी न सुधर पाए जिस इलेक्शन में खर्च न हो वो […]

सौगंध मुझे इस स्याही की, मैं कलम न रूकने दूँगा ठेस न पहुँचे दिलों को वो शब्द न लिखने दूँगा मैं दिलों को न बँटने दूँगा। सभी को आए ज्ञान शब्द का रखूंगा ध्यान वो चिंगारी अहंकार की न पनपने दूँगा सौगंध मुझे इस स्याही की, मैं कलम न रूकने […]

चुनाव का मौसम आया चौक- चौराहा  सजाया। रंग बिरंगे लोकलुभावन पोस्टर बैनर और श्लोगन लोगो को मिलने लगा प्रलोभन। सबके अपने-अपने वादे हैं कुछ कर गुजरने के इरादे है। इस चुनावी मौसम में जनता भी टटोल रही। वादे करा-करा कर भी अपना मुँह ना खोल रही। वायदो का अम्बार लगा […]

लोकतंत्र का पर्व मनाना उल्लास से एक मत न छूटे मतदान करना ठाठ से। सभी का अधिकार समान फर्ज निभाना करना मतदान जन जन का प्रतिनिधी चुनना जो सबका रखे ख्याल समान। शंका भय की तनिक न चिंता अपना फर्ज निभाना निर्भीकता के साथ सभी को मतदान करने ले जाना। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।