भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक इकाई का वृहद ढांचा इस राष्ट्र के संस्कार और सचेतक समाज से हैं | विस्तृत धर्म ग्रन्थ और उपनिषद जो जीवन जीने की कलाओं के साथ संस्कारों के संरक्षण की गाथा कहते है। योग,जीवन जीने की इन्ही कलाओं में एक है। योग भारत में […]

  दिन ढलने को था, आसमान से श्वेत कबुतर अपने आशियानों की तरफ लौटने ही वाले थे, कहवा ठण्डा होने जा रहा था, पत्थरबाजों के हौसले परवान पर थे, अलगाववाद और चरमपंथ अपनी उधेड़बुन में बूमरो गुनगुना रहा था, चश्म-ए-शाही का मीठा पानी भी कुछ कम होकर एक शान्त स्वर […]

  शब्द साधन और संपन्नता के चरम पर भावनाओं के सहारे तथ्यों और जानकारियों को सहज रूप से प्रस्तुत करके गंभीरता को पाठक के मन तक मोड़ देने का नाम गद्य है | एक साधा हुआ काव्य भी गद्य कहलाता हैं | मानव के सामान्य जीवन में बोले जाने वाले […]

कवि सम्मेलनों का समृद्धशाली इतिहास लगभग सन १९२० माना जाता हैं । वो भी जन सामान्य को काव्य गरिमा के आलोक से जोड़ कर देशप्रेम प्रस्तावित करना| चूँकि उस दौर में भारत में जन समूह के एकत्रीकरण के लिए बहाने काम ही हुआ करते थे, जिसमें लोग सहजता से आएं और वहां […]

  सहज, सौम्य और सरल जिनका मिजाज है, सबकुछ होते हुए भी फकीराना ठाठ, आजा़द पंछी की तरह गगन को नापना, मजाक और मस्ती की दुनिया से कविता खोजने वाले, अल्हड़ और मनमौजीपन में जिन्दादिली से जीने वाला, कविता लिखने के लिए केवल मुठ्ठी उठा कर नभ को पात्र भेजने […]

जैसे ही विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, मध्यप्रदेश के मुखिया के तैवर वैसे-वैसे अकड़ और दंभ से भरते जा रहे है |      मुखिया के हाल बदले से है, या तो हार का डर सता रहा है या फिर शिवराज भी समझ रहे है कि […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।