वो हिन्दू भी देते हैं ईद की मुबारकबाद, जिनके दिलों में मुहब्बतों के दीप जल रहे। वो मुस्लिम भी देते हैं दिवाली की बधाई, जिनके दिलों में अमनो-चैन के ख्वाब पल रहे॥ दिल के किसी कोने में अब भी इंसानियत जिंदा है, दुख इतना है कि चंद गद्दारों से पूरी […]

स्त्रियों का विमर्श शुरू होता है पुरुषों के परामर्श से। जिसमें आदिकाल से स्त्रियों को बेचारी अबला या फिर देवी धात्री सर्वपूज्या कहा गया। नवदुर्गा में कन्या पूजा कर फिर उसे कोख में मार डालते हैं। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाते हैं। मुँह अंधेरे बसों में,ऑटों में,कार में करते हैं […]

जीवन का सफर ही एक जिन्दगी है, जन्म से मुत्यु तक जीवन का सफर चलता रहता है। टेढ़े-मेढ़े रास्तों से होकर गुजरता है, सुख-दुःख यहाँ पल-पल में आते जाते,बदलते हैं। मोह माया भरी ये जिन्दगी चलती है, गरीबी अमीरी की करवट बदलती है, बचपन,जवानी बुढ़ापा ये हर किसी में आता […]

अंकों की पगडंडी पर उम्र भले तमाम हुई हो, तुम-तो बचपन की गिनती का पाठ नया शुरु करना॥ चेहरे पर बलखाई सलवटें जब नजर आने लगें, कांच के मर्तबान में सुर्ख गुलाब लगा लेना॥ हर आंधी में टूटा पत्ता भी तो कभी हरा था, बस उन यादों के सहारे सावन-सा […]

हाथ पकड़ कर थाम के दामन, मुझको पार लगा दिया.. प्यार-व्यार क्या जानूं मैं मुझको प्यार सिखा दिया। कितने रिश्ते आए, किसी को न भाया.. वजह केवल इतनी-सी थी दुबला-पतला ठहरा मैं, दुबली-पतली काया..     या फिर गरीब था मैं, पास नहीं थी माया धन्य-धन्य हो तुम प्रिये, साथ […]

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थोड़ी शरमाती है,थोड़ी इतराती है…, फिर चोरी चुपके से ख्वाबों में आती हैl  दीदार हुआ जबसे उन जालिम नजरों का…, वो चैन से सोती है,मुझे नींद न आती है।   कमर को छूती है जब,लट उसकी काली…, नागिन डर के मारे घूंघट में छुपती है। नवयौवना की यारों हर बात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।