नदी सी स्त्री तुम

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नदी सी स्त्री तुम
निरंतर बहती रही हों
औऱ सदा गतिशील रहना… क्यूकि
ठहरना स्त्री धर्म नहीँ है

स्वंतंत्र चेतना सजग जागरूक
मगर कबीर की माया
प्रसाद की श्रद्धा
गुप्त की अबला
तुलसी कहे  ताडना की अधिकाराणि
तुम दोयम दर्जे की ही नागरिक हों

माँ हों बेटी हों पत्नी औऱ प्रेयसी भी
किंतु व्यक्ति रुप मे क्या हों?
सारा व्यक्तित्व यौन शुचिता पे
आधारित भी निर्धारित भी आज

नौघा ,आकृष्टा, सिकता, निवावरी, गोपायना
सामवेद मे उल्लेख हुई स्त्रियों से पलट कर पूछो

तुम ब्रह्मविद्या मे प्रवीण गार्गी से पूछो
उपनिषद काल मे झांको तो पता चले
कि तुम आरोपित सामाजिक अवधारणा नहीँ

गणिका दासी अभिनेत्री मात्र नहीँ हों तुम
तुम हीन होकर प्रस्थापित महज अहिल्या नहीँ

कोई भी अस्वभाविक बंधन चिरस्थायी नहीँ
कयू शताब्दी से घुट रही हों फ़िर….
तुम चेतना हों चेतना…..

तो…..तुम हाँ तुम…….
अविरल बहों…निश्चिंत सी !

#डॉ मेनका त्रिपाठी

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।