लौटना

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इस बार लौटना
तो संपूर्ण होकर ,
बहती धाराओं के साथ लौटना ।
क्योंकि किसी का लौट आना
समय की कैद से लौटना होता है,
क्योंकि प्रेम की तीसरी आँख की तरह मृत्युजंय होता है किसी का लौट आना
किसी का लौट आना
इंतजार करने से ज़्यादा घातक हो जाता है।
इसलिए
जब कभी लौटना
मेरे पास तुम,
मर चुकी उन उम्मीदों के साथ लौटना
जिन्हें पूरा होना था,
उम्र के बिताऐ गए
उन उदास लम्हों के साथ लौटना
जिन्हें दुनिया में सबसे खूबसूरत होना था,
अपनी उन तमाम कोशिशों के साथ लौटना
जो तुमने उन लोगो के लिए की
जो तुम्हारे होने थे
तुम्हारे हो नहीं पाऐ।
इसलिए,
जब कभी लौटना
मेरे पास तुम,
पुराने पदचिन्हों के साथ
लौटना
क्योंकि इस तरह लौटाेगे तुम
तो बाकी बचे
रस्तो को गुन-गुनाया जा सकेगा फिर से,
बाक़ी बची छांव में दुनिया की
और हसीन धुने बनाई जा सकेगी,
बाक़ी रह गई
थोड़ी-सी जगह में एक दुनिया और बनाई जा सकेगी,
हज़ारों लिखी जा चुकी किताबों
के आख़िरी पन्नों को फिर से
लिखा जा सके।
परिचय :
नाम – फहीम अहमद
वर्तमान पता –  नई दिल्ली 
शहर – दिल्ली
शिक्षा – बी.ए ( इतिहास ) , बी.एड
कार्यक्षेत्र – अध्यापक
विधा – कविता, कहानी, नाटक
ब्लॉग – हुदहुद
अन्य उपलब्धियां – रंगकर्मी हूं ।
लेखन का उद्देशय – दुनिया की कुंठा की चित्रकारी करना।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।