रेड- सत्यता के पथरीले धरातल पर पानी डाल राहत देती फ़िल्म

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निर्देशक :- राज कुमार गुप्ता 
अदाकार :-  अजय देवगन, इलियाना डिक्रूज, सौरभ शुक्ला, 
लेखक :- राज कुमार, रितेश शाह
कहानी :-
फ़िल्म को असली घटना से प्रेरित बताया गया है कि एक इमानदार आयकर अधिकारी अमय पटनायक(अजय देवगन) कैसे 7 साल में 49 तबादलों की मार झेल चुका होकर भृष्ट प्रशासन से वाबस्ता हो चुका है| लखनव पहुचता है जहाँ उसे खबर मिलती है एक हाई प्रोफाइल बाहुबली सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ राजाजी (सौरभ शुक्ला)के घर रेड डालता है और शुरू होती है 420 करोड़ का कालाधन छुपा हुवा है रेड मार कर उस कालेधन को  खोजने की कवायद ओर दोनो के बीच रस्साकशी, अमय के इस काम मे साथ निभाती है उसकी पत्नी (इलियाना) यह एक ईमानदार अधिकारी की निजी कहानी बयां की गई है
चुकी राजाजी नेता है तो अमय को साम, दाम दंड भेद कहि भी हिला नही पाते तो उस के  घर पर हमले ओर अपना वर्चस्व दिखाने की हर मुमकिन कोशिश करता है| पर अजय टस से मस नही होता ह
यही इस फ़िल्म की जान हैै
अब रेड में क्या मिलता है यह तो आपको  फ़िल्म देखकर ही पता चलेगा लेकिन फ़िल्म में रेड करने वाले दृश्य की तैयारी बहुत शालीनता ओर ईमानदारी से दिखाई गई है
फ़िल्म के संवाद भी शानदार लिखे गए है जो कि रितेश शाह और राजकुमार का कमाल है बता दूं कि रितेश इससे पहले पिंक के संवाद लिख चुके है
फ़िल्म में इलियाना के लिए ज्यादा कुछ नही है केवल फ़िल्म को सुंदर बनाती है और गानों में लिया गया है
फ़िल्म के गाने अच्छे बने है जो कि अमित त्रिवेदी ने बनाए है गाने लिखे है ताज़ीम अर्ज ने जिसमे उन्होंने उर्दू, फारसी के लब्जो का शानदार मिलाप किया है
राजकुमार ने इससे पहले राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुके है साथ ही आमिर, नो वन किल्ड जेसिका, घनचक्कर जैसी फिल्मों में अपना लोहा मनवा चुके है
फ़िल्म का कला निर्देशन ओर लोकेशन पर दिल से काम किया गया है
फ़िल्म में उत्तर प्रदेश का परिदृश्य लिया गया है लेकिन उसमे एक पंजाबी गाना खलता है|
गाना दिल गलती कर बैठा
तेरा इंतज़ार , अच्छे बने है
अजय की बात करना पड़ेगी की जब भी किरदार का चयन करके निभाते हैं वह पूरी शिद्दत ओर लगन से निभाते हैं और अजय सबसे माकूल अदाकार हैं जो किरदार में खुद को समा देते है
उदाहरण के तौर पर गंगाजल, आक्रोश, गोलमाल, शिवाय या सिंघम
सौरभ ने कमाल का किरदार निभाया है और इस किरदार के लिए कोई दूसरा कलाकाए मुझे तो सुझा ही नही
फ़िल्म का कुल बजट 55 करोड़ ₹ है और फ़िल्म के साथ अंग्रेजी फ़िल्म द स्क्वायर भी लग रही है जो कि कुछ खास मायने नही रखती तो फ़िल्म 2 से 5 करोड़ की ओपनिंग दे सकती है
कूल मिलाकर आयकर रेड पर पहली भारतीय फिल्म मानी जा सकती ह| साथ ही इस तरह के विषय भारतीय दर्शकों को सिनेमा तक खिच पाएगे इस पर संशय भी है क्योकि यह विषय मनोरंजक नही है इसीलिए अजय के काँधों पर फ़िल्म की लागत निकल जाए वही इति होगा,,
फ़िल्म को 3 स्टार्स

        #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

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